केंद्र सरकार ने एक बार फिर नौकरशाही में बड़ा फेरबदल किया है। शुक्रवार को कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को नए पदों पर नियुक्त किया गया है। इन बदलावों में एक तरफ जहां भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के नए अध्यक्ष के रूप में आशुतोष अग्निहोत्री को नियुक्त किया गया, वहीं फैज अहमद किदवई को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस बदलाव ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है।
केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी फैज अहमद किदवई को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) का महानिदेशक नियुक्त किया है। फैज अहमद किदवई वर्तमान में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे। किदवई को अब डीजीसीए के प्रमुख के रूप में भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के समकक्ष वेतन और रैंक पर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के तहत संबंधित पद के भर्ती नियमों को निलंबित किया गया है। किदवई की नियुक्ति को लेकर कार्मिक मंत्रालय ने आदेश जारी किया और उनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए इस अहम पद पर उन्हें नियुक्त किया।
फैज अहमद किदवई मध्य प्रदेश कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव काफी लंबा और समृद्ध है, और कृषि मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों को लागू किया है। अब वे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में डीजीसीए के अध्यक्ष के रूप में एयरलाइन संचालन, विमानन सुरक्षा, और अन्य महत्वपूर्ण मामलों की निगरानी करेंगे।
केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत वरिष्ठ नौकरशाह आशुतोष अग्निहोत्री को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। एफसीआई का प्रमुख नियुक्त होना एक महत्वपूर्ण पद है, क्योंकि यह संस्था पूरे देश में अनाज वितरण, खाद्य सुरक्षा, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी करती है।
आशुतोष अग्निहोत्री मध्य प्रदेश कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वे गृह मंत्रालय में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। उनका अनुभव काफी व्यापक है, और उनके कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न प्रशासनिक मामलों को संभालते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उनके नेतृत्व में एफसीआई का कामकाज और भी प्रभावशाली होने की संभावना है।
सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आकाश त्रिपाठी को विद्युत मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया है। आकाश त्रिपाठी मध्य प्रदेश कैडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इकाई MyGoV के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में कार्यरत थे।
अब, उनके पास विद्युत मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में नई जिम्मेदारी होगी। विद्युत मंत्रालय में उनकी नियुक्ति से सरकार की ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में सुधार की योजनाओं को बल मिलेगा। खासकर, ऊर्जा क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट ग्रिड जैसी परियोजनाओं की दिशा में उनका अनुभव अहम साबित हो सकता है।
श्रम मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव कमल किशोर सोन को अब पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत जल जीवन मिशन का अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक नियुक्त किया गया है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य देशभर में हर घर में जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस मिशन के तहत लाखों परिवारों को स्वच्छ जल की आपूर्ति की जाती है, और कमल किशोर सोन के नेतृत्व में इसे और भी प्रभावी बनाने की कोशिश की जाएगी।
कमल किशोर सोन के पास जल आपूर्ति, स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में गहरी समझ और अनुभव है, जो जल जीवन मिशन को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।
कृषि और किसान कल्याण विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्यरत शुभा ठाकुर को अब गृह मंत्रालय के अंतर्राज्य परिषद सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। शुभा ठाकुर का प्रशासनिक अनुभव और नीति निर्माण में गहरी समझ उनके नए कार्य क्षेत्र में बेहद उपयोगी होगी। गृह मंत्रालय में उनकी नियुक्ति से राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित करने में मदद मिलेगी।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार को पदोन्नति देते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया है। विनय कुमार वर्तमान में इस मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे और अब उनके नेतृत्व में सड़क परिवहन और अन्य परिवहन नीतियों को बेहतर बनाने की उम्मीद की जा रही है।
इसके अतिरिक्त, कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों से केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यों को गति मिलने की संभावना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सुधार की आवश्यकता है।
इन बड़े फेरबदल के बाद, सरकार का लक्ष्य नौकरशाही के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव और नेतृत्व के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रशासनिक कामकाज बिना किसी रुकावट के चलता रहे और सार्वजनिक नीति के क्रियान्वयन में कोई भी व्यवधान न आए।
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