2024 का क्रिकेट सत्र विराट कोहली के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज कोहली के बल्ले से इस साल एक शतक ही निकला, जबकि उनकी बल्लेबाजी का औसत भी बहुत खराब रहा। चाहे वह टेस्ट क्रिकेट हो, वनडे हो या टी20, कोहली ने सभी प्रारूपों में संघर्ष किया। यह भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक के लिए एक बड़े सवाल का कारण बन गया है कि क्या उनका करियर अब चरम पर है।
2024 में विराट कोहली का प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा। उन्होंने कुल 32 पारियां खेलीं, लेकिन 21.83 के औसत से सिर्फ 655 रन बनाए। इसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे, जो उनके लिए इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। कोहली का बल्ला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी नहीं चला, और पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी को छोड़ दिया जाए तो वह रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए।
यहां तक कि जब विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाया, तो उन्होंने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर सबसे अधिक शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज का दर्जा प्राप्त किया, और इस मामले में सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया। हालांकि, उसके बाद उनका प्रदर्शन निरंतरता से दूर रहा। पर्थ टेस्ट में शतक के बावजूद, कोहली ने पूरे सीरीज में 5, 100* (नाबाद), 7, 11, 3, 36 और 5 रन की पारियां खेली।
विराट कोहली का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले बहुत अच्छा रहा है, और पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में शतक के बाद सभी को उनसे बड़ी पारी की उम्मीद थी। लेकिन इसके बाद उनके बल्ले से एक के बाद एक खराब पारियां आईं, जिससे उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी स्पष्ट रूप से देखने को मिली। कोहली के इस प्रदर्शन ने क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों को यह सवाल उठाने के लिए मजबूर कर दिया कि क्या यह पूर्व कप्तान टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह देंगे, जैसा कि उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय से पहले किया था।
हालांकि, टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच और विराट कोहली के करीबी सहयोगी रवि शास्त्री ने कहा कि कोहली अभी भी तीन-चार साल और खेल सकते हैं। शास्त्री ने यह भी कहा कि कोहली के आउट होने के तरीके को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं है, क्योंकि यह एक खिलाड़ी का स्वाभाविक हिस्सा होता है। शास्त्री का यह बयान तब आया जब कोहली की बल्लेबाजी में लगातार गिरावट को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं।
2024 में विराट कोहली का वनडे प्रारूप में प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। उन्होंने सिर्फ तीन वनडे मैच खेले, जिनमें 19.33 के औसत से कुल 58 रन बनाए। इस दौरान कोहली का बल्ला एक भी छक्का नहीं लगा सका, जबकि उन्होंने आठ चौके जरूर लगाए। इस आंकड़े से यह साफ है कि कोहली का वनडे क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है। क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि कोहली का बल्लेबाजी में संघर्ष उनके लंबे करियर के संकेत हो सकते हैं, खासकर तब जब वह तीनों प्रारूपों में लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहे हों।
टी20 क्रिकेट में विराट कोहली ने 2024 में 10 मैच खेले, और इस दौरान उनका औसत 18 का रहा। उन्होंने कुल 180 रन बनाए, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट केवल 119.20 था। टी20 विश्व कप 2024 के फाइनल मुकाबले में उन्होंने अर्धशतक बनाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई, लेकिन इस प्रदर्शन को छोड़कर बाकी समय में वह रन बनाने में सफल नहीं हो सके। कोहली के लिए यह साल बहुत ही संघर्षपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि टी20 प्रारूप में भी उनका प्रदर्शन उम्मीद से बहुत पीछे था।
विराट कोहली के खराब प्रदर्शन के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, यह संभव है कि कोहली अब अपने करियर के एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गए हों, जहां उन्हें अपने खेल में सुधार करने की जरूरत हो। हर खिलाड़ी को अपने करियर के किसी न किसी मोड़ पर संघर्ष का सामना करना पड़ता है, और विराट कोहली शायद अब उसी दौर से गुजर रहे हैं।
इसके अलावा, क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूपों में तेज गति और पावर-हिटिंग का दबाव भी बढ़ा है, जो कोहली के खेल में बदलाव का कारण बन सकता है। हालांकि, वह एक महान बल्लेबाज हैं, लेकिन क्रिकेट के इस दौर में वे अपनी तकनीक और रणनीतियों के साथ फिट बैठने में संघर्ष कर रहे हैं।
विराट कोहली के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को कई ऐतिहासिक क्षण दिए हैं और अपनी बल्लेबाजी से देश को गौरव दिलाया है। उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है, और 2024 में भले ही वह संघर्ष कर रहे हों, लेकिन उनके अनुभव और क्रिकेट की समझ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
रवि शास्त्री जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि विराट कोहली के पास अब भी समय है, और वह आने वाले समय में अपनी लय को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। शास्त्री का यह भी कहना है कि कोहली को इस समय में सहायक भूमिका निभाने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन उनका अनुभव टीम के लिए हमेशा फायदेमंद रहेगा।
विराट कोहली के भविष्य पर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं। उनके द्वारा छोड़ी गई कई विरासतों और उनके उत्कृष्ट करियर को देखकर यह कहना बहुत कठिन है कि वह जल्द ही संन्यास लेंगे। हालांकि, 2024 में उनके बल्ले से निकले आंकड़े और खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह संभव है कि वह अगले कुछ वर्षों में अपनी भूमिका को बदलें और टेस्ट क्रिकेट में कम भाग लें।
लेकिन, यह बात निश्चित है कि कोहली भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक हैं और उनके द्वारा दिए गए योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। चाहे वह टी20 हो, वनडे हो या टेस्ट क्रिकेट, कोहली का नाम हमेशा भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
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