उत्तराखण्ड

caravan party: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत की काफल पार्टी

caravan party: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत की काफल पार्टी

 

LOCAL FOR VOCAL सिर्फ नारा नहीं है और ये हालही में साबित किया है उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने। उन्होंने रविवार को देहरादून में हरिद्वार बाइपास स्थित नीरजा ग्रीन्स में एक पार्टी दी और वो पार्टी किसी और चीज की नहीं वो पार्टी थी काफल पार्टी। आगे चलने से पहले मैं आपको बताती चलूं कि आखिर काफल है क्या। काफल एक फल है जो उत्तराखंड के जंगलों में पाया जाने वाला बेहद रसीला फल है।

आपको बता दें कि पार्टी में काफल के फल अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र से मंगाए गए थे। अब यहां एक और विशेष बात ये कि अक्सर हरीश रावत अपनी पार्टियों के लिए जाने जाते है इस अवसर पर उन्होंने जहां पार्टी के पूरे मजे लिए वही उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लिया

पार्टी में हरीश रावत ने एक तीर से कई निशाने मारे जो बिल्कुल सटीक जगह पर लगे होंगे। इस अवसर पर जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम को सैल्यूट करने के साथ ही 22 पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया वही उन्होंने पहाड़ से निरंतर हो रहे पलायन की पीड़ा को लोगों के समक्ष उकेरा और स्थानीय उत्पादों की उपेक्षा को लेकर तंज भी कसा।

वो बोले, ‘वोकल फार लोकल, उनके लिए नारा है, जबकि हमारे लिए मिशन। राजनीतिक गलियारों में उनके वक्तव्य को सीधे तौर पर भाजपा को निशाने पर लेने से जोड़कर देखा जा रहा है। यहां आपको एक बात बता दूं कि
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राजनीति की बिसात पर अपनी दावतों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उनकी पार्टियों में ककड़ी, आम, जामुन, माल्टा समेत अन्य स्थानीय उत्पाद मुख्यतया शामिल होते हैं।

इस अवसर पर रावत ने ये भी कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने ये काफल पार्टी आयोजित की। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के गीत गाए जा रहे हैं, लेकिन मंडुवा, झंगोरा नेपाल से खरीदा जा रहा है। नदी-घाटियों में अंधाधुंध ढंग से बड़े भवन व होटलों का निर्माण चिंता बढ़ा रहा है।

वही पलायन पर उन्होंने कहा कि निर्जन गांव, बाखली की चर्चा कर वो किसी के मुंह का स्वाद नहीं बिगाड़ना चाहते, लेकिन अगले पांच-दस साल पहाड़ के गांवों में जंगली जानवर नृत्य करते रहे तो उत्तराखंडी संस्कृति पुस्तकों में ढूंढनी पड़ेगी।

रावत ने पहाड़ की परंपराओं व संस्कृति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि धूलिअर्ग, गोट की शादी की रस्मों व पद्म शाखाओं के चारों तरफ लिए जाने वाले सात फेरे कब तक टिक पाएंगे, उन्हें संदेह है।

वैसे भी लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देकर राज्य सरकार ने संस्कार आधारित विवाह प्रणाली के लिए चुनौती पैदा कर दी है। काफल पार्टी में विधायक प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक शूरवीर सिंह सजवाण, मनोज रावत व हीरा सिंह बिष्ट, ब्रह्म्स्वरूप ब्रह्मचारी समेत अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।

Kirti Bhardwaj

Recent Posts

‘नया अध्यक्ष सिर्फ रबड़ स्टांप न हो’ हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पर विक्रमादित्य सिंह का बयान

 CHANNEL 4 NEWS INDIA हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर…

4 hours ago

6 करोड़ की लागत से बनेगा सत्संग भवन, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने रखी आधारशिला

हरियाणा में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व…

5 hours ago

UP DNA CONFLICT: DNA विवाद में योगी की एंट्री, सपा प्रमुख को नसीहत

UP DNA CONFLICT: DNA विवाद में योगी की एंट्री उत्तर प्रदेश की सियासत में डीएनए…

5 hours ago

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जासूसी रैकेट का पर्दाफाश, 6 लोग गिरफ्तार, कई और निशाने पर

CHANNEL 4 NEWS INDIA भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव लगातार…

7 hours ago

20 मई का राशिफल: जानिए कौन-सी राशि वालो के लिए होगा मंगलवार का दिन सुखमय ?

20 मई का राशिफल: जानिए कौन-सी राशि वालो के लिए होगा मंगलवार का दिन सुखमय…

9 hours ago

High Court : संभल जामा मस्जिद सर्वे के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, मुस्लिम पक्षकार को झटका

संभल जामा मस्जिद के सर्वे के खिलाफ दाखिल की गई मुस्लिम पक्ष की पुनरीक्षण याचिका…

9 hours ago