हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद, नई सरकार के गठन को लेकर हलचल बढ़ गई है। नवनियुक्त विधायकों ने मंत्री पद की दावेदारी के लिए दिल्ली दौड़ लगानी शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकातें और मंत्रिमंडल में संभावित चेहरों की चर्चा इस समय की मुख्य बातें हैं।
भाजपा ने हरियाणा में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जिसके बाद नए मंत्रिमंडल का गठन जरूरी हो गया है। विधानसभा की 14वीं पंक्ति में कई पुराने मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है, जिससे नए चेहरों के लिए अवसर बढ़ गए हैं।
नए मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व के पास अपने नामों की दावेदारी पेश करना शुरू कर दिया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिली जानकारी के अनुसार, 15 अक्तूबर को शपथ ग्रहण समारोह की योजना बनाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत 14 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
दिल्ली में विधायकों की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। भाजपा के छह विधायकों ने मनोहर लाल से मुलाकात की है। इनमें शामिल हैं:
इन विधायकों ने मंत्री पद की दावेदारी को लेकर मनोहर लाल के साथ चर्चा की है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू हो गई है। पंचकूला के सेक्टर-5 में परेड ग्राउंड पर कार्यक्रम का आयोजन होगा। पहले यह समारोह 12 अक्तूबर को आयोजित किया जाना था, लेकिन पीएम मोदी के समय की कमी के कारण इसे 15 अक्तूबर के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है।
चुनाव में रोजगार का मुद्दा महत्वपूर्ण रहा, और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वादा किया था कि वे 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का प्रयास करेंगे। अब आचार संहिता हटने के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) सक्रिय हो गया है।
एचएसएससी ने 24 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया की तैयारी कर ली है। आयोग की टीमें अब त्रुटियों को दूर कर रही हैं और परिणाम जारी करने की दिशा में कार्य कर रही हैं। इससे युवाओं में एक नई उम्मीद जगी है।
हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियाँ भी हैं। चुनाव से पहले कुछ ग्रुपों के परिणाम जारी किए गए थे, लेकिन 24 हजार पदों का परिणाम अटक गया था। अब जब आचार संहिता हटी है, आयोग जल्द ही भर्ती का परिणाम घोषित कर सकता है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका भी इस समय महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ नायब सिंह सैनी ने मंत्रिमंडल के संभावित चेहरों पर चर्चा की है। यह चर्चा आगामी मंत्रिमंडल के गठन को लेकर अहम हो सकती है।
दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठकों में विभिन्न विधायकों के बीच संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा की जा रही है। पार्टी की रणनीति के अनुसार, जिन विधायकों ने चुनाव में अच्छे परिणाम दिए हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है।
इस बार मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की संभावना है, खासकर उन विधायकों के लिए जिन्होंने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा के लिए यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें अपने कार्यों और वादों को पूरा करने की आवश्यकता है।
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