अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां 26 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी एआई शोधकर्ता सुचिर बालाजी मृत पाए गए हैं। यह वही शोधकर्ता हैं, जिन्होंने OpenAI को लेकर दुनिया को सतर्क किया था और कंपनी के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई थी। बालाजी के निधन के बाद उनके योगदान और आरोपों पर कई सवाल उठने लगे हैं। उनकी मौत को लेकर शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उन्होंने आत्महत्या की है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में कोई गड़बड़ी के संकेत नहीं पाए हैं।
सुचिर बालाजी ने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक OpenAI के लिए काम किया था। वह एक भारतीय-अमेरिकी एआई शोधकर्ता थे जिन्होंने तकनीकी दुनिया में अपनी पहचान बनाई। बालाजी ने OpenAI की चैटजीपीटी तकनीक पर काम किया, लेकिन उनके अनुभव और कंपनी में काम करते हुए उन्होंने कई मुद्दों को लेकर विरोध जताया।
बालाजी का आरोप था कि OpenAI ने बिना अनुमति के पत्रकारों, लेखकों, प्रोग्रामरों और अन्य क्रिएटिव पेशेवरों के कॉपीराइटेड सामग्रियों का इस्तेमाल किया। उनका कहना था कि इसका असर कई व्यवसायों और उद्योगों पर पड़ा है और इससे ओपनएआई का व्यावसायिक मॉडल कमजोर और अस्थिर हो गया।
सुचिर बालाजी ने ओपनएआई के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि कंपनी ने अपने एआई मॉडल को बनाने के लिए बिना उचित अनुमति के कई लेखकों, पत्रकारों, और प्रोग्रामरों की सामग्री का इस्तेमाल किया। यह आरोप काफी गंभीर थे क्योंकि इससे न केवल ओपनएआई की साख को नुकसान हुआ था, बल्कि इससे उद्योग में एक बड़े विवाद की शुरुआत भी हुई थी। बालाजी का मानना था कि ओपनएआई का बिजनेस मॉडल इंटरनेट के लिए खतरनाक है और इसे बदलने की आवश्यकता है।
बालाजी का यह भी कहना था कि एआई टेक्नोलॉजी जैसे चैटजीपीटी के कारण इंटरनेट की संरचना को नुकसान हो सकता है। वह यह मानते थे कि इस तरह की तकनीकें यदि सही तरीके से उपयोग में नहीं लाई जाएं तो यह बड़े पैमाने पर गलत उपयोग का कारण बन सकती हैं।
OpenAI की स्थापना 2015 में एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने मिलकर की थी, लेकिन तीन साल बाद मस्क ने OpenAI छोड़ दिया और अपनी नई कंपनी xAI की स्थापना की। मस्क और सैम ऑल्टमैन के बीच लंबे समय से विवाद चले आ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में मस्क ने OpenAI पर आरोप लगाया था कि यह कंपनी एकाधिकारवादी बन चुकी है और इसके नियंत्रण में कोई पारदर्शिता नहीं है।
बालाजी की मौत के बाद एलन मस्क ने इस घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने एक “हम्मम” के साथ पोस्ट किया। हालांकि, मस्क ने इस पर ज्यादा विस्तार से बात नहीं की, लेकिन उनका यह कमेंट इस पूरे विवाद और बालाजी की मृत्यु पर उनके रुख को दर्शाता है।
अक्टूबर 2023 में सुचिर बालाजी ने ओपनएआई के खिलाफ एक मीडिया इंटरव्यू में खुलासा किया था कि कंपनी ने अपने एआई उत्पादों को बनाने में बिना अनुमति के कॉपीराइटेड सामग्री का इस्तेमाल किया है। उनका कहना था कि ओपनएआई का यह तरीका गलत था और इसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता था। बालाजी ने कहा था कि “यदि आप मेरी बात मानते हैं, तो आपको ओपनएआई से निकल जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा था कि ओपनएआई का व्यापार मॉडल लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है और यह इंटरनेट के इकोसिस्टम के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। उनका मानना था कि इस कंपनी का काम करने का तरीका कई उद्योगों और कारोबारों के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है।
बालाजी के आरोपों के बाद ओपनएआई के खिलाफ कई कानूनी मामले दर्ज किए गए। लेखकों, पत्रकारों, और प्रोग्रामरों ने यह दावा किया कि कंपनी ने बिना अनुमति के उनकी सामग्री का इस्तेमाल किया। इन आरोपों के कारण ओपनएआई की साख पर बड़ा सवाल उठने लगा और यह विवाद बड़े कानूनी मामलों की ओर बढ़ने लगा।
बालाजी का कहना था कि एआई की कंपनियों द्वारा की जा रही इस तरह की गतिविधियाँ इंटरनेट की संरचना को अस्थिर कर सकती हैं। उनका यह भी कहना था कि बिना अनुमति के सामग्री का उपयोग करना न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि यह तकनीकी दुनिया में एक खतरनाक प्रवृत्ति को जन्म दे सकता है।
सुचिर बालाजी की मौत ने OpenAI और एआई इंडस्ट्री में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी हो सकती है, जो एआई टेक्नोलॉजी और इसके कानूनी और व्यावसायिक पहलुओं पर काम कर रहे हैं। उनका योगदान एआई क्षेत्र में महत्वपूर्ण था, लेकिन उनकी मौत ने कंपनी और इसके कार्यप्रणाली के खिलाफ उठाए गए सवालों को और भी बड़ा बना दिया।
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