उत्तरप्रदेश से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां 49 साल पहले 8 साल की बच्ची का अपहरण हो गया था और अब पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद अनसुलझे मामले को सुलझाते हुए पीड़िता को बचपन की धुंधली यादों के सहारे खोजबीन कर उसको परिवार वालों से मिला दिया है और यह मिलन गांव के एक पुरान कुएं और परिवार के नाम की यादों से संभव हो सका।
बता दें कि, साल 1975 में 8 साल की बच्ची जिसका नाम फूलमती अपनी मां के साथ मुरादाबाद गई थी। मुरादाबाद बाजार में एक बूढ़े व्यक्ति ने उसे बहला-फुसला कर चुपके से उसे अपने साथ लेकर चला गया था और कुछ समय अपने साथ रखने के बाद बच्ची को रामपुर के रहने वाले लालताप्रसाद नाम के व्यक्ति के हवाले कर दिया। बाद में उसने पीड़िता से शादी की और एक बेटा सोमपाल हुआ जिसकी अब उम्र करीब 34 साल हो चुकी है। पीड़िता अपने परिजनों को तलाशती रही और उसे गांव का नाम याद था और गांव की कुछ यादें उसे याद भी थी।
बता दें कि, इस पूरे मामले को लेकर एक टीम गठित की गई। एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने उक्त पहचान के आधार पर जगह-जगह तलाश जारी रखी और यह सूचना जिले के सारे थानों में पहुंचा दी गई थी। टीम ने खोजबीन के बाद पीड़िता का पता लगाया और रामपुर जाकर उसे आजमगढ़ लेकर आई। पीड़िता ने बताया कि उसके मामा का नाम रामचंद्र है, जो चूटीडाढ़ गांव में रहते हैं, उसके घर के आंगन में एक कुआं है। उक्त नाम के व्यक्ति और मिलती-जुलती बातों को लेकर पूरे जिले में खोजबीन की गई और काफी खोजबीन के बाद इस गांव का नाम जो अब आजमगढ़ जिले से कटकर मऊ जिला बन गया है, वहां स्थित है, जो दोहरीघाट थाने में आता है।
पीड़िता ने जो पता बताया, उसे लेकर पुलिस पीड़िता के मामा के घर पहुंची। उसके तीन में से दो मामा की मौत हो चुकी है। पुलिस ने रामचंद्र से पूछताछ कर यह पुष्टि की कि 49 साल पहले उनकी भांजी लापता हो गई थी। इस बात की पुष्टि होने के बाद पीड़िता को परिजनों से मिलाया गया।
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