हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा में भाग लिया। इस घटना पर विपक्षी दलों ने गंभीर आपत्तियां जताई थीं, लेकिन अब सरकारी सूत्रों ने इस कदम को उचित ठहराते हुए खुलापन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की बात की है। इस लेख में हम इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करेंगे और सरकारी सूत्रों के द्वारा उठाए गए बिंदुओं को गहराई से समझेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का CJI डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा में शामिल होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक घटना के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम न केवल धार्मिक सम्मान को दर्शाता है बल्कि पारदर्शिता और सार्वजनिक जीवन में खुलापन को भी प्रमोट करता है। प्रधानमंत्री ने अपने इस कदम के माध्यम से यह दिखाया कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रमुखों के साथ संवाद और सामाजिक समारोहों में भागीदारी महत्वपूर्ण है।
इस घटना पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। विपक्ष का आरोप था कि इस प्रकार की गतिविधियां संवैधानिक स्वतंत्रता और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकती हैं। विपक्ष ने इसे एक तरह से सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण माना और इसे सरकार द्वारा न्यायपालिका को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में देखा। उन्होंने इसे एक राजनीतिक कदम के रूप में चित्रित किया, जो कि संवैधानिक पदों के सम्मान को कमजोर कर सकता है।
सरकारी सूत्रों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक उचित और पारदर्शी कदम बताया है। उनके अनुसार, पीएम मोदी का खुला सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करना ‘सीक्रेट’ या गुप्त तरीके से जाने की तुलना में बेहतर था। सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस प्रकार की खुली गतिविधियों से लोकतंत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी का प्रदर्शन होता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार और न्यायपालिका के बीच संवाद और सहयोग की भावना मौजूद है, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
सरकारी सूत्रों ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा और इंजीनियर राशिद की पार्टी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। इंजीनियर राशिद, जो UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट) के तहत आरोपी हैं, के साथ भाजपा के गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। यह स्पष्ट किया गया है कि भाजपा की आपत्तियों के बावजूद राशिद को जमानत पर रिहा किया गया है, लेकिन पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं किया जाएगा।
सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि पीएम मोदी का CJI के आवास पर जाना एक प्रकार से लोकतंत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इसे एक संकेत बताया कि उच्चतम न्यायालय और कार्यपालिका के बीच सकारात्मक संवाद और सहयोग की भावना होनी चाहिए। सरकारी सूत्रों का मानना है कि इस प्रकार के सार्वजनिक आयोजनों से न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग और समझ बढ़ सकती है, जो कि अंततः नागरिकों के लिए बेहतर सेवा की दिशा में सहायक होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के CJI आवास पर गणपति पूजा में शामिल होने का कदम विवादों के बीच में है, लेकिन सरकारी सूत्रों ने इसे उचित ठहराते हुए खुलापन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की बात की है। विपक्षी दलों की आपत्तियों के बावजूद, सरकारी सूत्रों ने इसे लोकतंत्र में एक सकारात्मक और पारदर्शी कदम के रूप में चित्रित किया है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में भाजपा और इंजीनियर राशिद की पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है, यह स्पष्ट करते हुए कि भाजपा का ऐसा कोई इरादा नहीं है।
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