2केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए विवादास्पद नारे “बटेंगे तो कटेंगे” का बचाव किया और कहा कि लोगों को इसे गलत तरीके से नहीं समझना चाहिए। गडकरी ने यह भी कहा कि यह नारा आतंकवाद और देश के दुश्मनों के खिलाफ एकजुट होने की अपील करता है, न कि किसी को बांटने के लिए। गडकरी ने जोर देकर कहा, “हमारी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, कुछ लोग मंदिर जाते हैं, कुछ मस्जिद और कुछ गिरिजाघर, लेकिन आखिर में हम सब भारतीय हैं।”
गडकरी ने बताया कि यह नारा केवल देश की एकता और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए था, और यह आतंकवाद और सीमापार से आने वाले खतरों से निपटने की एक collective आवाज है। गडकरी का कहना था कि इस नारे का गलत मतलब निकालने की बजाय हमें इसे देश के दुश्मनों और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अफसोस की बात है कि कुछ लोग इस नारे को भड़काऊ और बांटने वाला मान रहे हैं।
नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन की सरकार बनने का दावा किया। उनका कहना था कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान माहौल अलग था, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के नेताओं के बीच विचारधारा में मेल नहीं है, जो उनके पक्ष में जाएगा। गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि महायुति गठबंधन के तहत शिव सेना, भा.ज.पा., और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का गठबंधन मजबूत होगा, और इस बार वे राज्य की सत्ता में वापसी करेंगे।
महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर नितिन गडकरी ने कहा कि यह चुनाव एकनाथ शिंदे, अजित पवार, और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में होगा। गडकरी ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद, पार्टी आलाकमान और गठबंधन के चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर मुख्यमंत्री के चेहरे का चयन करेंगे। उनका कहना था कि यह निर्णय चुनाव के बाद लिया जाएगा, और सभी नेताओं के बीच सहमति से ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
गडकरी के बयान के बाद, योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कई नेता इस नारे का समर्थन कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इसे भड़काऊ और समाज में नफरत फैलाने वाला मान रहे हैं। इस नारे को लेकर बढ़ती राजनीतिक बयानबाजी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी असर डाल सकती है, जहां हर पार्टी अपनी रणनीतियों और नीतियों के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
गडकरी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति गठबंधन के विचार अधिक संगठित और मजबूत हैं, जो कांग्रेस और शिवसेना के बीच विचारों की असहमति के कारण आगामी चुनावों में उनके गठबंधन को लाभ पहुंचाएगा। महायुति गठबंधन इस चुनाव में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरने की उम्मीद कर रहा है, और गडकरी का विश्वास है कि गठबंधन महाराष्ट्र की जनता के विश्वास को फिर से प्राप्त करेगा।
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