Haryana Election
Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने एक बार फिर कांग्रेस को चौंका दिया है। एग्जिट पोल में जीत की भविष्यवाणी करने के बावजूद, पार्टी हार की ओर बढ़ती नजर आ रही है। आइए, देखते हैं कि इसके पीछे के प्रमुख कारण क्या हैं।
कांग्रेस का प्रचार भाजपा की तुलना में कहीं पीछे रह गया। भाजपा ने चुनावी घोषणा के तुरंत बाद से सक्रियता दिखाई, जबकि कांग्रेस नेता चुनावी सूची को लेकर दिल्ली के चक्कर काटते रहे। इस देरी ने उन्हें चुनावी माहौल में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर नहीं दिया। जब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व प्रचार में सक्रिय हुआ, तब तक समय बहुत बर्बाद हो चुका था।Haryana Election
कांग्रेस में गुटबाजी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा के बीच की तनातनी ने पार्टी की एकता को कमजोर किया। सैलजा ने खुद को सीएम पद का प्रबल दावेदार मानते हुए प्रचार में दूरी बना ली। चुनाव के दौरान हुड्डा समर्थकों द्वारा सैलजा पर की गई अभद्र टिप्पणी ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया। राहुल गांधी की उपस्थिति में जब दोनों ने हाथ मिलाया, तब भी उनकी एकजुटता संदिग्ध रही।
कांग्रेस उम्मीदवार शमशेर गोगी द्वारा दिया गया एक विवादित बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कांग्रेस जीतती है, तो “पहले अपना घर भरेंगे”, ने पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान पहुँचाया। भाजपा ने इस बयान को भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। कांग्रेस ने इस स्थिति को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।Haryana Election
भाजपा ने न केवल चुनावी प्रचार में सक्रियता दिखाई, बल्कि उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर जनता के बीच अपनी पहुंच भी बनाई। पार्टी ने विकास, सुरक्षा और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रहकर मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया। भाजपा का कार्यकर्ताओं का नेटवर्क और रणनीतिक सोच ने उन्हें मतदाताओं के बीच एक मजबूत छवि बनाने में मदद की।Haryana Election
कांग्रेस में आंतरिक विवादों का भी पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ा। कार्यकर्ताओं के बीच असहमति और विभिन्न नेताओं के बीच संवादहीनता ने चुनावी रणनीति को कमजोर किया। ऐसे में, भाजपा ने इस अस्थिरता का लाभ उठाया।Haryana Election
कांग्रेस ने उन क्षेत्रों में अपना आधार खो दिया, जहां पर उसकी पारंपरिक वोटिंग बैंक मजबूत रहा करता था। विभिन्न जातियों और समुदायों में भाजपा के पक्ष में झुकाव ने कांग्रेस के लिए स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया।Haryana Election
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