हरियाणा

Haryana: देश में गुरुग्राम 5वां सबसे प्रदूषित शहर, एक्यूआई 302 पहुंचा; 8 नवंबर से रात के मौसम में बदलाव

हरियाणा के गुरुग्राम में वायु प्रदूषण ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है, और यह अब देश का 5वां सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। गुरुग्राम का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वीरवार को 302 तक पहुँच गया, जो कि खतरनाक स्तर पर है। दिवाली के बाद, प्रदेश के कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे प्रदूषण की समस्या और भी गंभीर हो गई है।

गुरुग्राम का प्रदूषण स्तर गंभीर है, और यहां का AQI अब 300 से ऊपर पहुँचने के कारण, शहर में रहने वाले लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही, देश के अन्य शहरों जैसे दिल्ली, गाजियाबाद, और हापुड़ का AQI भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। गुरुग्राम के अलावा, प्रदेश के 11 जिले ऐसे हैं, जिनका AQI 200 से 300 के बीच है।

प्रदूषण की स्थिति:

  • गुरुग्राम: 302 (देश का 5वां सबसे प्रदूषित शहर)
  • दिल्ली: 377 (देश का सबसे प्रदूषित शहर)
  • गाजियाबाद: 316
  • हापुड़: 320
  • मंडीदीप (एमपी): 329
  • अंबाला: 367 (1 नवंबर को)
  • जींद: 337 (2 नवंबर को)
  • करनाल: 303 (2 नवंबर को)
  • बहादुरगढ़: 335 (3 नवंबर को)
  • सोनीपत: 321 (3 नवंबर को)
  • हिसार: 379 (4 नवंबर को)

पिछले चार दिन से, प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और कई जिलों का AQI 300 के पार है। 5 और 6 नवंबर को प्रदूषण का स्तर कुछ हद तक नियंत्रित था, लेकिन 8 नवंबर को फिर से गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में प्रदूषण में बढ़ोतरी देखी गई।

मौसम में बदलाव और ठंड का असर:

मौसम विभाग के अनुसार, 8 नवंबर से रात के समय मौसम में बदलाव की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश में तापमान में गिरावट हो सकती है। 9 और 10 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना जताई जा रही है। खासकर महेंद्रगढ़ जिले में, जहां रात का तापमान 17 डिग्री तक गिर चुका है, मौसम में ठंडक महसूस हो रही है।

मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 11 से 13 नवंबर तक मौसम साफ रहने की संभावना है, हालांकि उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण रात का तापमान और गिर सकता है, जिससे शुष्क मौसम का अनुभव हो सकता है।

प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर प्रभाव:

प्रदूषण के बढ़ते स्तर का असर लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। खासकर वे लोग जो सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। लंबे समय तक इस तरह के प्रदूषित वातावरण में रहने से दिल और फेफड़ों की बीमारियाँ बढ़ सकती हैं।

इस समय लोगों को मास्क पहनने और कम से कम बाहर जाने की सलाह दी जा रही है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को।

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