शिक्षा मंत्री का बड़ा हमला, डोटासरा से कहा – विधायक पद भी छोड़ो
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अपने एक दिवसीय दौरे के तहत शुक्रवार को नागौर पहुंचे, जहां उन्होंने जिले की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आमजन और अधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने न केवल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी कई अहम योजनाओं और सुधारों पर जानकारी दी, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर तीखा हमला भी बोला। दिलावर ने डोटासरा के विधानसभा की प्राक्कलन समिति से इस्तीफे को ‘प्रासंगिकता से परे’ बताया और विधायक पद छोड़ने की चुनौती दी।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने भास्कर से विशेष बातचीत में कहा, “गोविंद सिंह डोटासरा केवल दिखावा कर रहे हैं। अगर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के निर्णयों से आपत्ति है, तो उन्हें केवल समिति से इस्तीफा नहीं देना चाहिए, बल्कि विधायक पद से भी इस्तीफा देना चाहिए। वे न तो विधानसभा में रुचि रखते हैं और न ही सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। इसलिए बेहतर होगा कि वे विधानसभा की सदस्यता से ही त्यागपत्र दें।”
बता दें कि हाल ही में डोटासरा ने विधानसभा की प्राक्कलन समिति-ख के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था और विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी पर पक्षपात तथा मनमानी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि स्पीकर सरकार के दबाव में संविधान विरोधी फैसले ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर डोटासरा ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए स्पीकर की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए थे।
शिक्षामंत्री दिलावर ने बोर्ड परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर कहा कि सरकार पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए नए तरीके अपना रही है। उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि पाठ्यक्रम को खंडों में बांटा जाए और प्रत्येक खंड का अलग-अलग प्रश्न पत्र बनाया जाए, जिसे बाद में असेंबल कर छात्रों को परीक्षा में दिया जाएगा। इससे प्रश्नपत्र की गोपनीयता बनी रहेगी।
शिक्षा विभाग में लंबित पदोन्नतियों को लेकर दिलावर ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने पांच सालों तक कोई डीपीसी नहीं की, जिससे हजारों शिक्षक और कर्मचारी प्रभावित हुए। वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालते ही इस दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हमने थर्ड ग्रेड को छोड़कर लगभग सभी वर्गों की डीपीसी पूरी कर ली है। अब तक 28 हजार पदों पर डीपीसी की जा चुकी है और लगभग 21 हजार कर्मचारियों की डीपीसी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्हें जल्द ही नई नियुक्ति दी जाएगी।”
शिक्षामंत्री ने कहा कि शिक्षा में नवाचार अनिवार्य हैं। तकनीक के साथ कदमताल करते हुए शिक्षा विभाग नए प्रयोग करेगा ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके और परीक्षा प्रणाली पारदर्शी बनी रहे। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले समय में स्कूलों की व्यवस्थाओं में भी डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुधार किए जाएंगे।
नागौर दौरे के दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक ओर जहां शिक्षा सुधारों की दिशा में सरकारी योजनाओं का खाका खींचा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष पर राजनीतिक हमला भी बोला। गोविंद डोटासरा के इस्तीफे को “राजनीतिक नौटंकी” बताते हुए दिलावर ने स्पष्ट किया कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और नवाचार के लिए प्रतिबद्ध है।
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