हरियाणा

Congres: प्रत्याशियों ने कहा-ईवीएम से नहीं, गुटबाजी और भितरघात से हारे हरियाणा

Congres: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के कारणों का पता लगाने के लिए आलाकमान द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने हाल ही में ऑनलाइन मीटिंग का आयोजन किया। इस मीटिंग में 50 से अधिक हार चुके उम्मीदवारों से एक-एक करके बातचीत की गई। इस बातचीत से यह स्पष्ट हुआ कि उम्मीदवारों ने ईवीएम को हार का मुख्य कारण मानने से इनकार किया और इसके बजाय गुटबाजी, भितरघात और अन्य आंतरिक मुद्दों को अपनी हार का जिम्मेदार ठहराया।

ईवीएम का मुद्दा

उम्मीदवारों ने स्पष्ट किया कि उन्हें ईवीएम पर भरोसा है और उन्होंने कहा कि हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराना गलत है। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के भीतर की राजनीति और नेतृत्व में कमी ही उनकी हार का मुख्य कारण रही।Congres

गुटबाजी और भितरघात

बातचीत के दौरान उम्मीदवारों ने जोर देकर कहा कि पार्टी में गुटबाजी और भितरघात ने चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया। कई उम्मीदवारों ने माना कि यदि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बेहतर तालमेल होता, तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे।

कुमारी सैलजा का मुद्दा

सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा की नाराजगी भी हार का एक महत्वपूर्ण कारण मानी जा रही है। कुछ उम्मीदवारों ने सुझाव दिया कि अगर कुमारी सैलजा को उकलाना से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता, तो परिणाम सकारात्मक हो सकते थे।Congres

स्टार प्रचारकों की कमी

कांग्रेस के उम्मीदवारों ने यह भी बताया कि स्टार प्रचारकों के दौरों की जानकारी कम थी। इससे पार्टी को चुनाव प्रचार में कमी का सामना करना पड़ा। उम्मीदवारों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई, जिससे रणनीति प्रभावित हुई।Congres

बागी नेताओं की समस्या

बागी नेताओं के मनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। कई उम्मीदवारों ने कहा कि कई सीटों पर कांग्रेस केवल अपने ही बागियों की वजह से चुनाव हारी।

चुनाव हारने के प्रमुख कारण

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने चुनाव हारने के प्रमुख कारणों पर चर्चा की। इस दौरान चार महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए:

  1. चुनाव हारने की वजह क्या थी?
  2. वरिष्ठ नेताओं के दौरों का क्या असर था?
  3. स्टार प्रचारकों की रैलियों का क्या योगदान रहा?
  4. ईवीएम का प्रभाव क्या था?

तालमेल की कमी

बैठक में यह भी सामने आया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच आपसी तालमेल की कमी रही। कुछ उम्मीदवारों ने यह बताया कि अगर बेहतर योजना बनाई जाती, तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे।Congres

जाट वोटों का ध्रुवीकरण

कुछ उम्मीदवारों ने जाट वोटों के ध्रुवीकरण की समस्या को भी हार का एक कारण बताया। उन्होंने कहा कि इस ध्रुवीकरण के कारण कांग्रेस को नुकसान हुआ।Congres

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