अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के प्रमुख शहर लॉस एंजेलिस में लगी जंगल की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। अब तक इस आग में हजारों एकड़ जमीन जलकर खाक हो चुकी है, और यह आग लाख कोशिशों के बावजूद बुझ नहीं पाई है। वैज्ञानिकों ने अब इस आग के फैलने के कारणों और इसके दुष्प्रभावों का खुलासा किया है।

सूखा और आग का फैलाव

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन डिएगो के जलविज्ञानी मिंग पैन के अनुसार, दक्षिणी कैलिफोर्निया में सूखे की स्थिति बेहद गंभीर है। जनवरी की शुरुआत में दक्षिणी कैलिफोर्निया के अधिकांश हिस्सों में मिट्टी की नमी का स्तर ऐतिहासिक तौर पर केवल 2 प्रतिशत दर्ज किया गया। यह बेहद चिंताजनक है क्योंकि अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय कैलिफोर्निया में बारिश का मौसम होता है। इस बार बारिश बहुत कम हुई, जिसके चलते राज्य के प्राकृतिक जलस्रोत पूरी तरह से सूख गए।

शुष्क मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों ने आग को तेजी से फैलने में मदद की। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हवा के गर्म और शुष्क होने के कारण पौधों और मिट्टी से वाष्पोत्सर्जन और वाष्पीकरण के जरिए पानी सूख गया। इससे जंगलों की वनस्पतियां पूरी तरह सूख गईं, जो आग के लिए ईंधन का काम करती हैं।

सांता एना हवाओं की भूमिका

लॉस एंजेलिस की आग को भड़काने में सांता एना हवाओं की भूमिका भी बेहद अहम रही। ये शुष्क, गर्म और तेज हवाएं कैलिफोर्निया के पहाड़ों से तटीय इलाकों की ओर बहती हैं। सांता एना हवाओं की गति सामान्यत: 30 से 40 मील प्रति घंटे होती है, लेकिन जनवरी 2025 की शुरुआत में इन हवाओं की गति 80 मील प्रति घंटे तक पहुंच गई।

सांता एना हवाओं के कारण आग तेजी से फैली। यह हवाएं आग की लपटों को न केवल भड़काती हैं, बल्कि उन्हें दूर-दूर तक फैलाने का भी काम करती हैं। जब स्थिति पहले से ही सूखी हो, तो ये हवाएं आग के खतरे को कई गुना बढ़ा देती हैं।

विनाश और मानवीय संकट

लॉस एंजेलिस की इस भयंकर आग ने अब तक हजारों घर, स्कूल और अन्य संरचनाओं को नष्ट कर दिया है। 10 जनवरी तक इस आग के कारण कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी थी, और 180,000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। विस्थापन के चलते मानवीय संकट और बढ़ गया है।

इस आग से न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है, बल्कि इससे लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका पर भी गहरा असर पड़ा है। धुएं और वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।

आग से जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस आग का दीर्घकालिक प्रभाव जलवायु परिवर्तन पर भी पड़ेगा। जंगलों के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें वायुमंडल में फैल रही हैं, जो ग्लोबल वॉर्मिंग को और तेज कर सकती हैं।

सूखे की स्थिति और आग के बढ़ते प्रकोप से कैलिफोर्निया का पारिस्थितिक संतुलन भी बिगड़ सकता है। मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है, और जल स्रोतों की कमी लंबे समय तक बनी रह सकती है।

आने वाले दिनों की चेतावनियां

वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों को लेकर भी चेतावनी दी है। दक्षिणी कैलिफोर्निया में सूखे की आशंका है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। आग के बाद जंगलों की वनस्पतियां फिर से उगने में काफी समय लगेगा। इससे वन्यजीवों और स्थानीय निवासियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर एक या दो बार अच्छी बारिश हो जाए, तो स्थिति में सुधार हो सकता है। बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ेगी, जिससे आग को फैलने से रोका जा सकेगा।

सरकार और प्रशासन की कोशिशें

लॉस एंजेलिस में लगी इस आग को काबू में करने के लिए सरकार और प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दमकलकर्मी दिन-रात आग बुझाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए हेलीकॉप्टर और वॉटर बॉम्बिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसके अलावा, प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। विस्थापित लोगों के लिए अस्थायी शिविर लगाए गए हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

वैज्ञानिकों का सुझाव और समाधान

वैज्ञानिकों ने इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

  1. जलवायु परिवर्तन से निपटना: ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती करनी होगी।
  2. जल स्रोतों का संरक्षण: बारिश के पानी को संरक्षित करने और प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने पर जोर देना चाहिए।
  3. वन प्रबंधन: जंगलों में सूखी घास और पत्तियों को हटाने जैसे उपाय किए जा सकते हैं, ताकि आग को फैलने से रोका जा सके।
  4. जनजागरूकता: स्थानीय निवासियों को आग से बचाव और इसके प्रभावों के बारे में जागरूक करना जरूरी है।

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