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तमिलनाडु रेल हादसा: ‘सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार होंगे खत्म’, राहुल गांधी का केंद्र पर फूटा गुस्सा

शुक्रवार, को तमिलनाडु में एक गंभीर रेल हादसा हुआ, जब मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (12578) कावरापेट्टई स्टेशन के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई। यह हादसा तब हुआ जब ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी और मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन पर चली गई। इस टक्कर के परिणामस्वरूप कई यात्री घायल हो गए और एक कोच में आग लग गई।

रेलवे सूत्रों के अनुसार, दुर्घटना के समय ट्रेन में यात्रियों की संख्या अधिक थी, जिससे घायलों की संख्या में वृद्धि हुई। अग्निशामक दल और बचाव टीमें तुरंत दुर्घटनास्थल पर पहुँचीं और राहत कार्य शुरू किया।

रेलवे बोर्ड की प्रतिक्रिया

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। दिलीप कुमार, रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक, ने बताया कि बचाव दल ने तुरंत घटनास्थल पर पहुँचकर राहत कार्य प्रारंभ किया।

राहुल गांधी का गुस्सा

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस हादसे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैसूर-दरभंगा ट्रेन दुर्घटना भयावह ओडिशा के बालासोर की दुर्घटना को दर्शाती है, जहाँ एक यात्री ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकराई थी। कई दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान जाने के बावजूद कोई सबक नहीं सीखा गया है। इसकी जवाबदेही शीर्ष को देनी चाहिए। इस सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार बर्बाद होंगे?”

प्रियंका गांधी की चिंता

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “देश में ट्रेन दुर्घटनाएं इतनी आम हो गई हैं कि सरकार द्वारा न तो कोई जवाबदेही तय की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई की जा रही है।” प्रियंका ने यह भी कहा कि करोड़ों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर भयावह स्थितियों में यात्रा कर रहे हैं।

डीएमके का दृष्टिकोण

डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आजकल कई रेल हादसे हो रहे हैं। 60 के दशक में रेल मंत्री ने एक दुर्घटना के बाद इस्तीफा दिया था। अब रेल दुर्घटनाएँ आम हो गई हैं, और किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने उचित कदम नहीं उठाए हैं।”

दुर्घटना के पीछे की संभावित वजहें

इस हादसे के कारणों की जांच चल रही है। कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि कई कर्मचारियों को स्थानीय भाषा का ज्ञान नहीं है, जिससे संचार में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं। एक घटना में, एक उत्तर भारतीय कर्मचारी ने तमिल में दिए गए निर्देशों को समझ नहीं पाया, जिससे दुर्घटना हुई।

रेलवे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। इस घटना के बाद, रेलवे बोर्ड को अधिक सुरक्षा उपायों की आवश्यकता महसूस हो रही है। राजनीतिक नेताओं ने भी इस मुद्दे पर जवाबदेही की मांग की है।

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