राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी दी गई है, जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। यह धमकी ईमेल के जरिए भेजी गई है, जो सीधे सवाई मानसिंह स्टेडियम प्रशासन को प्राप्त हुई है। इस ईमेल में मुख्यमंत्री के साथ-साथ राजस्थान खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज के. पवन को भी गंभीर जानलेवा धमकी दी गई है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा को और ज्यादा कड़ा कर दिया गया है और पुलिस व खुफिया एजेंसियां मामले की गहराई से जांच में जुट गई हैं।
इस बार जो धमकी भरा ईमेल मिला है, उसमें न केवल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की बात कही गई है, बल्कि खेल परिषद अध्यक्ष नीरज के. पवन की हत्या कर उनके शव के टुकड़े ब्लैक सूटकेस में भरकर भेजने की बात भी लिखी गई है। ईमेल में नीरज के. पवन का नाम ‘नीरज ए पवन’ के रूप में लिखा गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि धमकी देने वाला व्यक्ति खेल परिषद या सरकारी सिस्टम से जुड़ी कुछ बारीक जानकारियों से वाकिफ है। ईमेल की भाषा बेहद आपत्तिजनक और उग्र है। इसमें यह भी कहा गया है कि पुलिस कुछ नहीं कर सकती क्योंकि उन्हें इन्वेस्टिगेशन करना ही नहीं आता।
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में किसी बड़े अधिकारी या मुख्यमंत्री को धमकी दी गई हो। सवाई मानसिंह स्टेडियम को इससे पहले दो बार बम से उड़ाने की धमकियां मिल चुकी हैं। हर बार पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए पूरे स्टेडियम को खाली करवा कर जांच की, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई। इसके अलावा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इससे पहले दौसा सेंट्रल जेल, जयपुर सेंट्रल जेल और बीकानेर सेंट्रल जेल से भी जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। दौसा जेल से तो दो बार इस प्रकार की धमकियां मिली थीं। इन मामलों में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन धमकियों के पीछे असली वजह क्या है और मास्टरमाइंड कौन है।
ईमेल के जरिए मिली इस ताजा धमकी के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। उनके चारों ओर ज़ेड प्लस सुरक्षा घेरा पहले से ही तैनात था, जिसे अब और अधिक पुख्ता किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी करते हुए पूरे जयपुर सहित प्रदेशभर में निगरानी तेज कर दी है। सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों को स्टेडियम, खेल परिषद कार्यालय और मुख्यमंत्री निवास के आसपास तैनात किया गया है।
राजस्थान पुलिस के शीर्ष अधिकारी इस मामले की जांच में व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं। खेल परिषद के सचिव ने बताया कि वह लगातार पुलिस को पूरी जानकारी दे रहे हैं और धमकी से संबंधित हर एक पहलू पर रिपोर्ट साझा कर रहे हैं। इस बार पुलिस साइबर सेल के जरिए उस मेल की IP ट्रेसिंग कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि मेल किस स्थान से और किस डिवाइस से भेजा गया।
इस पूरे घटनाक्रम से राजस्थान की राजनीति भी गर्मा गई है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री को लगातार मिल रही धमकियों को लेकर सरकार की सुरक्षा नीति पर सवाल खड़े किए हैं। कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि जब प्रदेश का मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या भरोसा? सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया तो कुछ ने इसे राज्य की कानून-व्यवस्था की विफलता करार दिया।
धमकी मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज जयपुर में प्रस्तावित तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया। हालांकि प्रशासन की ओर से इस कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बेहद सख्त कर दिया गया था। कार्यक्रम स्थल पर मेटल डिटेक्टर, CCTV कैमरों और डॉग स्क्वायड की तैनाती की गई थी। इसके अलावा कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों की गहन चेकिंग की जा रही थी। मुख्यमंत्री के काफिले के साथ एक्स्ट्रा सुरक्षा गार्ड और QRT टीम भी मौजूद थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धमकी भरे ईमेल की भाषा से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति की हरकत हो सकती है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश भी हो सकती है। ईमेल में जिस प्रकार से पुलिस और प्रशासन को चुनौती दी गई है, उससे यह अंदेशा भी जताया जा रहा है कि यह किसी अपराधी या संगठित गिरोह की योजना हो सकती है जो सरकार और प्रशासन को कमजोर दिखाना चाहता है।
इसके अलावा यह संभावना भी जताई जा रही है कि खेल परिषद में हाल ही में हुए किसी फैसले या कार्रवाई से असंतुष्ट कोई व्यक्ति इस प्रकार की धमकी देकर बदला लेना चाहता हो। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस धमकी के पीछे किसी राजनीतिक विरोधी का हाथ है या यह कोई आपराधिक मानसिकता वाला व्यक्ति है।
जैसे-जैसे मामला गंभीर होता जा रहा है, वैसे-वैसे इसकी जांच के दायरे को भी बढ़ाया जा रहा है। यदि ईमेल की लोकेशन और IP विदेश से ट्रेस होती है तो इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) या आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) की भी एंट्री हो सकती है। साइबर एक्सपर्ट्स की एक विशेष टीम भी इस केस में जुट चुकी है जो मेल की एन्क्रिप्शन, टाइम स्टैम्प, ब्राउज़र फिंगरप्रिंट और सर्वर होस्टिंग की जांच कर रही है।
धमकी मिलने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह इस प्रकार की कायराना हरकतों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने साफ कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं और आम जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
CHANNEL 4 NEWS INDIA भारत की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान जब तुर्की…
CHANNEL 4 NEWS INDIA हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बार फिर यह साबित कर…
हरियाणा सरकार ने 15 मई 2025 को एक अहम प्रशासनिक फेरबदल करते हुए HCS और…
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जब टूरिस्टों पर आतंकी हमला हुआ, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…
राजस्थान में एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस बार…
यूपी: स्कूलों में होगा विशेष कार्यशालाओं का आयोजन आजकल की लाइफ में बच्चों को संस्कार…