MURSHIDABAD: पश्चिम बंगाल में लागू होगा राष्ट्रपति शासन ?MURSHIDABAD: पश्चिम बंगाल में लागू होगा राष्ट्रपति शासन ?

MURSHIDABAD: पश्चिम बंगाल में लागू होगा राष्ट्रपति शासन ?

वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा और सुप्रीम कोर्ट पर हो रही बयानबाजी के बीच पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। SC के वकील विष्णु शंकर जैन ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के अधिनियम के बाद हाल ही में हुई हिंसा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करने वाली एक रिट याचिका से संबंधित मामले का जिक्र किया। वकील विष्णु शंकर जैन ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने पेश होकर मामले का जिक्र किया। अब इस मामले की सुनवाई 22 अप्रैल यानी के मंगलवार को होगी। वहीं, आज की सुवाई के दौरान विष्णु शंकर जैन की याचिका पर जस्टिस बी.आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि, ‘आप चाहते हैं कि हम केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्देश दें?’ जबकि इस मामले पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा को देखते हुए, पैरा मिलेट्री फोर्स को तुरंत तैनात करने की जरूरत है। साथ ही उन्होने कहा कि, इस मामले पर पहले से बंगाल में पोस्ट पोल हिंसा की मेरी याचिका लंबित है। जिस पर कोर्ट 2022 में नोटिस जारी कर चुका है। ये मामला मंगलवार को सुनवाई के लिए लिस्टेड है। इसी मामले में हमने बगाल में हुई मौजूदा हिंसा को लेकर एक अर्जी दाखिल की है। जिसमें अर्धसैनिक बलों की तैनाती, तीन रिटायर जजों की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। साथ ही राज्यपाल से इसकी रिपोर्ट मांगी जाए और इस हिंसा में हिन्दुओं के पलायन की जानकारी मुहैया कराई जाए। इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि, आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है। हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं। वहीं आपको ग्राफिक्स के जरिए बता दें कि, विष्णु शंकर जैन ने अपनी याचिका में क्या-क्या मांगें की है विष्णु शंकर जैन की याचिका में की गई मांग 1. तीन रिटायर्ड जजों की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई जाए। 2. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पश्चिम बंगाल भेजी जाए। 3. अर्ध सैनिक बलों की तैनाती हो। 4. अनुच्छेद 355 के तहत राज्यपाल से राज्य की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी जाए। 5. हिंसा के बाद असम पलायन कर गए हिंदू परिवारों के बारे में रिपोर्ट ली जाए। वहीं, दूसरी याचिका वकील शशांक शेखर झा की ओर से दायर की गई है। याचिका के जरिए मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। गौरतलब है कि वक्फ एक्ट के खिलाफ पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमकर विरोध-प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान वहां पर हिंसा भड़क उठी, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि, मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद वहां कई घर ऐसे मिले, जहां से परिवार पलायन कर चुके हैं और लूटपाट के बाद उनके घरों को जला दिया गया है। इसके बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस और महिला आयोग की टीम ने भी मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। दौरा करने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा था कि, यहां लोग इतने दर्द में हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हिंसा की वजह मुर्शिदाबाद के हालात कितने खराब है, ये सभी का जानते हैं… ऐसे में सवाल भी कई उठते हैं… उन्हीं सवालों में से एक सवाल ये भी है कि, क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए… ममता बनर्जी की सरकार को भंग कर देना चाहिए… आप भी अपनी राय कमेंट कर जरूर दें और वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक करें, साथ ही चैनल को सब्सक्राइब करना और वीडियो को शेयर करना बिल्कुल भी ना भूलें

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