कोरोना वायरस की धीमी रफ्तार के बाद एक बार फिर देश में इस घातक महामारी के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ महीनों से जहां कोविड-19 के केस नगण्य रह गए थे, वहीं अब स्थिति दोबारा चिंताजनक होती नजर आ रही है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बीते एक हफ्ते में देशभर में कोरोना संक्रमण के 750 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं। इन मामलों ने न सिर्फ आम जनता की चिंता बढ़ाई है, बल्कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है।
कोविड-19 के हालिया आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 335 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 153 और दिल्ली में 99 नए केस सामने आए हैं। गुजरात में 76 और कर्नाटक में 34 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि दक्षिण और पश्चिम भारत के राज्य कोरोना संक्रमण की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। दिल्ली में सक्रिय मामलों की संख्या 104 हो चुकी है, जबकि मुंबई में यह आंकड़ा 209 तक पहुंच गया है।
एक हफ्ते में सात लोगों की मौत, केरल और महाराष्ट्र में सबसे अधिक
कोरोना वायरस की इस नई लहर में जहां संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं मौतों की संख्या भी बढ़ने लगी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले सात दिनों में कोरोना वायरस के चलते देशभर में सात लोगों की जान गई है। इनमें चार मरीज महाराष्ट्र से, दो केरल से और एक कर्नाटक से संबंधित थे। इस बढ़ती मृत्यु दर ने एक बार फिर सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है, और इसकी अनदेखी भारी पड़ सकती है।
केंद्र सरकार की चेतावनी और निगरानी एजेंसियों की रिपोर्ट
भारत सरकार की जीनोमिक निगरानी एजेंसी इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश में दो नए कोरोना वेरिएंट सामने आए हैं। इन वेरिएंट्स के कारण संक्रमण की गति तेज हो सकती है। हालांकि अभी इनके गंभीरता और संक्रमण क्षमता को लेकर विस्तृत अध्ययन जारी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स यह संकेत दे रही हैं कि इनसे सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक है।
पश्चिम बंगाल और बिहार में भी दस्तक
पूर्वी भारत के राज्यों में भी कोविड-19 के नए मामले सामने आने लगे हैं। पश्चिम बंगाल में हाल ही में चार नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इनमें से अधिकांश मामले कोलकाता और उसके उपनगरों से जुड़े हैं। 19 मई तक राज्य में सिर्फ एक सक्रिय केस था, लेकिन अब संख्या बढ़ती जा रही है। बिहार में भी इस लहर का पहला मामला सामने आ चुका है। पटना के एक 31 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि हुई है, जबकि उसकी हाल ही में राज्य से बाहर यात्रा की कोई जानकारी नहीं है।
देश में कुल सक्रिय मामलों की स्थिति
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 26 मई की सुबह 8:00 बजे तक देश में कुल सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या 1009 दर्ज की गई है। यह संख्या भले ही अभी छोटी प्रतीत हो, लेकिन इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है, जो आने वाले समय में बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। केरल में सबसे ज्यादा 403 सक्रिय मामले हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक का स्थान आता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय और संभावित कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का कारण बदलते मौसम, लोगों की लापरवाही, मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग बंद कर देना और वैक्सीनेशन की अनदेखी हो सकता है। साथ ही जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है। डॉक्टरों की सलाह है कि जिन लोगों में सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हैं, वे तुरंत टेस्ट कराएं और आइसोलेशन में रहें।
अस्पतालों में तैयारियां और टेस्टिंग में बढ़ोतरी
देश के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में फिर से कोविड-19 की जांच, इलाज और आइसोलेशन की व्यवस्था की जा रही है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। हालांकि, अभी अस्पतालों में भर्ती की दर कम है, लेकिन अगर संक्रमण की रफ्तार इसी तरह बढ़ती रही तो जल्द ही अस्पतालों पर दबाव पड़ सकता है।
टीकाकरण की स्थिति और बूस्टर डोज पर जोर
कोरोना की तीसरी और चौथी लहर के दौरान टीकाकरण अभियान ने देश को बड़ी राहत दी थी। लेकिन अब टीकाकरण की गति धीमी हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बूस्टर डोज (प्रिकॉशन डोज) की उपलब्धता सुनिश्चित करें और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। खासतौर पर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और पहले से बीमार व्यक्तियों को जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी जा रही है।
स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर अलर्ट
कुछ राज्यों में स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना गाइडलाइंस को दोबारा लागू किया जा सकता है। हालांकि अभी किसी भी राज्य सरकार ने लॉकडाउन या सख्त पाबंदियों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन लोगों से सावधानी बरतने की अपील जरूर की जा रही है। दिल्ली सरकार ने भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने और सैनिटाइज़र के प्रयोग को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है।
कोरोना के बदलते स्वरूप और सतर्कता की आवश्यकता
कोविड-19 का वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है। वायरस के नए वेरिएंट्स पुराने वेरिएंट्स की तुलना में तेज संक्रमण फैलाते हैं, हालांकि उनकी गंभीरता अभी कम बताई जा रही है। इसके बावजूद इनसे बचाव के लिए सतर्कता आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को कोविड-19 को लेकर अब “लिविंग विद कोविड” की नीति अपनानी चाहिए, जिसमें सावधानी और सतर्कता के साथ सामान्य जीवन जिया जा सके।
सरकार की अपील और मीडिया की भूमिका
भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों से बचें और केवल सरकारी सूचनाओं पर भरोसा करें। मीडिया को भी इस विषय पर जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए, ताकि लोग समय रहते सावधान हो सकें और संक्रमण की रफ्तार को रोका जा सके।