मुंबई: महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के बाद स्थिति में भारी हलचल मच गई है। प्रतिमा के गिरने के मामले में संबंधित कंसल्टेंट को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मामला कला विभाग और नौसेना के बीच अनुमोदन और निर्माण को लेकर हुई अव्यवस्था को उजागर करता है।
कला विभाग के डायरेक्टर ने इस घटनाक्रम पर बयान देते हुए स्पष्ट किया है कि प्रतिमा के निर्माण की अनुमति केवल 6 फीट ऊँचाई की थी। लेकिन नौसेना द्वारा बिना पूर्व सूचना के प्रतिमा की ऊँचाई 35 फीट कर दी गई, जो अनुमति से काफी अधिक थी। इस अत्यधिक ऊँचाई के कारण प्रतिमा की स्थिरता पर प्रभाव पड़ा और अंततः गिर गई।
कला विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अनुमति के तहत निर्धारित ऊँचाई के अनुसार निर्माण कार्य को पूरा किया जाना चाहिए था। नौसेना के बिना किसी पूर्व सूचना और अनुमति के प्रतिमा की ऊँचाई बढ़ाने के कारण यह गंभीर मुद्दा उत्पन्न हुआ।
गिरने की घटना के बाद जांच की गई और पता चला कि कंसल्टेंट ने निर्माण के दौरान नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
नौसेना ने अपनी ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच समन्वय की कमी ने स्थिति को बिगाड़ा।
प्रतिमा की पुनर्स्थापना और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इस घटनाक्रम से संबंधित अधिकारियों और संगठनों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सभी आवश्यक नियम और दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला: कला निदेशालय के डायरेक्टर बोले- मिट्टी का मॉडल दिखाकर ली थी परमिशन
मुंबई: शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के बाद विवाद और तकरार बढ़ गई है। कला निदेशालय के डायरेक्टर ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि प्रतिमा के निर्माण के लिए दी गई अनुमति में केवल मिट्टी का मॉडल प्रस्तुत किया गया था, जबकि असली प्रतिमा की ऊँचाई को लेकर कोई मंजूरी नहीं ली गई थी।
डायरेक्टर ने स्पष्ट किया कि अनुमति प्राप्त करने के लिए केवल मिट्टी का मॉडल दिखाया गया था, जो कि एक प्रारंभिक और छोटा आकार होता है। निर्माण के समय जब वास्तविक प्रतिमा का आकार बढ़ाया गया और ऊँचाई 35 फीट तक पहुंचाई गई, तो यह अनुमति से बाहर था।
इस मुद्दे के बाद कला निदेशालय ने स्थिति को नियंत्रण में लाने और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी निर्माण कार्य के लिए निर्धारित नियमों और अनुमतियों का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाएँ न हों।
इस खुलासे के बाद, संबंधित अधिकारियों और कंसल्टेंट के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। प्रतिमा की गिरावट की घटना ने सार्वजनिक सुरक्षा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की समीक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है।
यह मामला इस बात की ओर भी इशारा करता है कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक निर्माण या कला परियोजना के लिए सभी आवश्यक अनुमतियों और दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
कौन हैं चेतन पाटिल
जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई थी तब चेतन पाटिल स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट थे। वे 2010 से कोल्हापुर के एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी रहे। चेतन ने 2 दिन पहले एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘प्रतिमा के निर्माण से मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं। मैंने मूर्ति के लिए केवल प्लेटफॉर्म का डिजाइन तैयार किया था। मूर्ति का काम पुणे की कंपनी को दिया गया था।’
अजित पवार बोले- स्मारक दोबारा बनाएंगे
मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसमें उन्होंने बताया कि गिरी हुई शिवाजी महाराज की प्रतिमा का स्मारक दोबारा बनाया जाएगा। यह बयान तब आया है जब हाल ही में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने काफी चर्चा और विवाद उत्पन्न किया है।
अजित पवार ने कहा कि प्रतिमा के गिरने से प्रभावित लोगों को आश्वस्त करते हुए, राज्य सरकार और संबंधित विभाग स्मारक को फिर से बनाने के लिए तत्पर हैं। उनका कहना है कि यह प्रतिमा महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे फिर से स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
मुख्य बिंदु:
अजित पवार का यह बयान उस समय आया है जब गाजा में पोलियो के कारण 3 दिन की जंग की रोकथाम की घोषणा की गई है और नवी मुंबई में स्थायी समाधि के निर्माण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। प्रतिमा के निर्माण की प्रक्रिया के साथ, संबंधित अधिकारियों ने सभी चरणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की योजना बनाई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
CM शिंदे ने कहा था- 2 कमेटी करेंगी जांच, शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच के लिए दो अलग-अलग कमेटियाँ गठित की जाएंगी।
मुख्य बिंदु:
इस कदम से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और सुनिश्चित करना चाहती है कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। जांच कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद, मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी और किसी भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दिसंबर 2023 में पीएम मोदी ने किया था शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण
मुंबई: दिसंबर 2023 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुंबई में शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया था। यह प्रतिमा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की प्रतीक है और इसे एक महत्वपूर्ण स्मारक के रूप में स्थापित किया गया था।
मुख्य बिंदु:
इस घटनाक्रम ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा के महत्व और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, और राज्य सरकार इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके।
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