26 JULY: उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई तक फ्री26 JULY: उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई तक फ्री

26 JULY: उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई तक फ्री

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई 2025 तक पूरी तरह निशुल्क कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं ये घोषणा की है और सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने विवाह का पंजीकरण अवश्य कराएं।

उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है जहां समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। इस कानून के तहत विवाह पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। विशेष बात ये है कि 27 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन अब जरूरी है।

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,93,609 विवाह पंजीकृत हो चुके हैं। साथ ही, लिव-इन रिलेशन में रहने वाले 35 जोड़ों ने भी पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, तलाक के 210 प्रकरण और वसीयत से जुड़े 1087 मामले भी पंजीकृत किए जा चुके हैं।

वही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि,
“हमारी सरकार का संकल्प है कि कोई भी नागरिक आर्थिक कारणों से अपने वैवाहिक अधिकारों से वंचित न रह जाए। इसलिए हमने 26 जुलाई 2025 तक विवाह पंजीकरण को पूरी तरह निशुल्क करने का निर्णय लिया है।”

 

समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विवाह पंजीकरण शुल्क 250 रुपये निर्धारित है, लेकिन मुख्यमंत्री धामी की पहल पर इसे एक साल तक निशुल्क कर दिया गया है। ये फैसला राज्य के उन नागरिकों के लिए राहत भरा है जो आर्थिक तंगी के चलते विवाह का पंजीकरण नहीं करा पा रहे थे।

वही स्थानीय नागरिकों का कहना है कि
“सरकार का ये कदम बहुत सराहनीय है। अब हम बिना किसी आर्थिक बोझ के अपना विवाह रजिस्टर करवा सकते हैं।”

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से ये भी अपील की है कि जिनका विवाह इस कानून के लागू होने से पहले हो चुका है, वे भी आगे बढ़कर विवाह पंजीकरण कराएं ताकि उनका वैवाहिक संबंध कानूनी रूप से प्रमाणित और सुरक्षित हो सके।
सरकार का मानना है कि विवाह पंजीकरण से न सिर्फ पारिवारिक विवादों की संभावना कम होगी, बल्कि महिलाओं और बच्चों के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।

प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता को केवल कानून की किताब तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उसे हर नागरिक के जीवन में लागू करना चाहती है। यही कारण है कि इस कानून से जुड़े प्रावधान लगातार धरातल पर उतारे जा रहे हैं। निशुल्क विवाह पंजीकरण उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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