UP DNA CONFLICT: DNA विवाद में योगी की एंट्री
उत्तर प्रदेश की सियासत में डीएनए को लेकर शुरू हुआ विवाद अब गर्म होता जा रहा है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बीच छिड़ी जुबानी जंग अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुँच चुकी है। मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें निजी टिप्पणी और अभद्र भाषा के आरोपों ने विवाद को और गंभीर बना दिया है।
आइए आपको मामले की पूरी जानकारी देती है। पूरा मामला 16 मई को उस समय शुरू हुआ जब समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर आपत्तिजनक पोस्ट की। इस पोस्ट में ब्रजेश पाठक के “डीएनए” को कोलकाता के सोनागाछी और दिल्ली के जीबी रोड से जोड़ा गया। ये दोनों स्थान देश के प्रमुख रेड लाइट एरिया माने जाते हैं।
पोस्ट में लिखा गया- “ब्रजेश पाठक का खुद का डीएनए सोनागाछी और जीबी रोड का है। उन्हें खुद नहीं पता कि उनका असली डीएनए क्या है, कहां का है और किसका है।”
इस टिप्पणी से बृजेश पाठक भड़क गए। उन्होंने तुरंत अखिलेश यादव और डिंपल यादव से सवाल पूछा कि क्या यही उनकी पार्टी की भाषा है? उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की भाषा दिवंगत माता-पिता का अपमान है और यह स्त्री विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।
वही इस पर अखिलेश यादव ने जवाब में कहा कि वह अपनी पार्टी के लोगों को समझाएंगे, लेकिन बीजेपी नेताओं को भी अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। इसके बाद ब्रजेश पाठक ने फिर पलटवार करते हुए लिखा –
“अखिलेश यादव जी, आप डीएनए के सवाल पर बहुत भड़के हुए हैं। मैंने तो सिर्फ इतना कहा कि सपा के डीएनए में खराबी है। आप उसी तरह आपे से बाहर हो गए जैसे 10 साल पहले यूपी की सत्ता से बाहर हो गए थे।”
उन्होंने सपा पर जातिवाद और मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि अखिलेश यादव ने अपने हस्ताक्षर से आतंकियों से जुड़े 14 केस वापस लिए थे।
विवाद जब बढ़ता चला गया, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया। योगी ने कहा –
“सपा से अच्छे व्यवहार की उम्मीद करना व्यर्थ है, लेकिन सभ्य समाज उनके अभद्र और अश्लील बयानों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। सपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने सोशल मीडिया हैंडल की समीक्षा करनी चाहिए।”
वही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी सोशल मीडिया के जरिए समाजवादी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने लिखा –
“परिवारवादी समाजवाद अब पूरी तरह से लठैतवाद में बदल चुका है।”
बीजेपी ने इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई है।