UMEED PORTAL: वक्फ संपत्तियों के लिए केंद्र सरकार का 'उम्मीद' पोर्टलUMEED PORTAL: वक्फ संपत्तियों के लिए केंद्र सरकार का 'उम्मीद' पोर्टल

UMEED PORTAL: वक्फ संपत्तियों के लिए केंद्र सरकार का ‘उम्मीद’ पोर्टल

देश में वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और प्रबंधन को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। इन्हीं सवालों और चुनौतियों के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने एक नई डिजिटल पहल की शुरुआत की है। इस पहल का नाम है ‘उम्मीद’ पोर्टल, यानी यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट पोर्टल। ये पोर्टल वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और पारदर्शी प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास संयुक्त रूप से 1,32,140 वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन इनमें से केवल 2,533 संपत्तियां ही वास्तव में राजस्व अभिलेखों में वक्फ के रूप में दर्ज हैं। इससे स्पष्ट है कि एक बड़ा हिस्सा या तो गलत तरीके से वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज है या फिर उनके दस्तावेज अधूरे हैं।

प्रदेश में लगभग 57,792 ऐसी संपत्तियां भी हैं जो राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी हैं, लेकिन वक्फ रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिससे विवाद की स्थिति पैदा होती है। इसी स्थिति से निपटने के लिए अब इन सबका समाधान उम्मीद पोर्टल से मिलने की आशा है। आइए आपको बता देते है आखिर उम्मीद पोर्टल से इतनी उम्मीद क्यों है और इसकी खासियत क्या क्या है पहली चीज है इस पोर्टल पर प्रत्येक वक्फ संपत्ति की जियो टैगिंग की जाएगी।

हर संपत्ति को एक 17 अंकों की यूनिक आईडी मिलेगी। वही मुतवल्ली (वक्फ संपत्ति का देखरेखकर्ता) स्वयं संपत्ति का विवरण दर्ज करेगा। फिर जिला स्तर पर वक्फ बोर्ड द्वारा अधिकृत अधिकारी इसकी जांच करेंगे। अंत में राज्य स्तर पर वक्फ बोर्ड का सीईओ या अधिकृत अधिकारी इसे स्वीकृति देगा।

इस व्यवस्था से फर्जी वक्फ संपत्तियों की प्रविष्टि पर रोक लगेगी और संपत्तियों का गलत इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। और ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि उम्मीद पोर्टल वक्फ की संपत्ति को नियमों के अधीन लाने का काम करेगा।
वही अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री ओम प्रकाश राजभर के अनुसार, “उम्मीद पोर्टल से वक्फ संपत्तियों के मामले में पारदर्शिता आएगी और आमदनी-खर्च का पूरा लेखा-जोखा एक क्लिक में उपलब्ध होगा। इससे वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों का समाधान हो सकेगा।”

आपको बता दें कि, प्रदेश सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरा कर लिया जाए। इसके लिए जिला प्रशासन और वक्फ बोर्ड मिलकर काम कर रहे हैं।
‘उम्मीद’ पोर्टल वक्फ संपत्तियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर जहां एक ओर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर रोक लगाएगा, वहीं दूसरी ओर ये प्रणाली वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनके बेहतर उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह पहल ना सिर्फ वक्फ प्रबंधन में आधुनिकीकरण लाएगी, बल्कि इससे आमजन का विश्वास भी बहाल होगा।

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