भाखड़ा नहर के पानी को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच तनाव और बढ़ गया है। पंजाब सरकार की तरफ से हरियाणा को पूरा पानी न देने पर हरियाणा सरकार अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। दरअसल, दिल्ली में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड यानि (BBMB) की बैठक में हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों की मौजूदगी में पानी को लेकर बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। पंजाब सरकार सिर्फ 4,000 क्यूसिक पानी देने पर अड़ी रही, जबकि हरियाणा ने 8,500 क्यूसिक पानी की मांग की।
पानी के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी हरियाणा सरकार
हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा- ‘हम अपने पानी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम इसको लेकर याचिका दायर करेंगे। संभावना है कि आज याचिका दाखिल कर दी जाए। आगे छुट्टियां है, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द इस पर फैसला हो जाए।‘
पंजाब सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में सभी दलों की बैठक बुलाई, जिसमें BJP, कांग्रेस और अकाली दल के प्रतिनिधि शामिल हुए। CM मान ने कहा कि सभी दल इस मुद्दे पर पंजाब सरकार के साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा को फरमान के जरिए पानी देने को कहा गया और यह तरीका ठीक नहीं है।
पंजाब ने घटाया हरियाणा का पानी
बता दें कि पंजाब ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं।