TAJMAHAL: ताजमहल के संरक्षण पर नहीं हो रहा खर्चTAJMAHAL: ताजमहल के संरक्षण पर नहीं हो रहा खर्च

TAJMAHAL: ताजमहल के संरक्षण पर नहीं हो रहा खर्च

ताजमहल का नाम तो आप सभी ने सुना होगा लेकिन अब धीरे धीरे जो खबर सामने आ रही है वो ये है कि ताजमहल की खूबसूरती कम होती जा रही है। कहा जा रहा था कि अब ताजमहल का सफेद रंग फीका पड़ रहा है। और लोगों ने भी इसकी पुष्टि की है लेकिन क्या आपको पता है ऐसा क्यों हो रहा है। नहीं पता होगा तो आइए मैं आपको बताती हूं ताजमहल में पर्यटकों का तांता लगा रहता है

और इसका सीधा फायदा सरकार को मिलता है क्योंकि ताजमहल से सरकार की कमाई तो खूब हो रही है, लेकिन उसके संरक्षण पर उसके बचाव पर उसकी कमाई की पांच प्रतिशत धनराशि भी व्यय नहीं हो रही है। और ये जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) से सामने आई है

। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ताजमहल से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को 99.54 करोड़ रुपये की आय हुई, लेकिन इस अवधि में उसके संरक्षण पर केवल 3.17 करोड़ रुपये ही व्यय किए गए। एएसआइ को हुई आय में टिकटों की बिक्री व फिल्मों की शूटिंग फीस शामिल है।

ताजमहल देश के साथ ही विदेश के सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला स्मारक है। मुरादाबाद के फाजिल अंसारी ने एएसआइ के आगरा सर्किल से आरटीआइ में जानकारी मांगी थी। केंद्रीय जनसूचना अधिकारी सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने उन्हें अवगत कराया है कि ताजमहल की प्रशासनिक व्यवस्था एएसआइ देखती है। इसकी सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) संभालता है, जिसका भुगतान एएसआइ के महानिदेशक द्वारा किया जाता है।

वही डॉक्टर जितेंद्र ने अवगत कराया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग को ताजमहल से 99 करोड़ 54 लाख 22 हजार 310 रुपये की आय हुई, जबकि इस अवधि में संरक्षण कार्यों पर तीन करोड़ 17 लाख 76 हजार 447 रुपये व्यय किए गए। वर्ष 2024 में तीन लाख 39 हजार 46 विदेशी पर्यटकों ने आफलाइन टिकट खरीदे थे। केंद्रीय जनसूचना अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि, संरक्षण अनुभाग द्वारा संरक्षण कार्यों पर हुए व्यय की उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर ही सूचना दी गई है।

ताजमहल की टिकट बिक्री से होने वाली आय भारत सरकार के समेकित कोष में जमा होती है। इसमें से एडीए को पथकर की धनराशि का भुगतान कर दिया जाता है। भारत सरकार संरक्षण कार्यों के लिए विभाग को बजट जारी करती है। विभाग सर्किलों को उनके प्रस्ताव के आधार पर संरक्षण कार्य के लिए बजट देता है।

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