गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। लेकिन इस त्रासदी की सबसे गहरी चोट राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा क्षेत्र पर पड़ी, जहां एक होनहार युवक – मानव भादू – इस दुर्घटना का शिकार हो गया। मात्र 22 वर्षीय मानव भादू, अपने परिवार के इकलौते पुत्र थे। उनका सपना था कि वे डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करें, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

मानव भादू दुलमानी, पीलीबंगा के वार्ड नंबर 22 के निवासी थे। उनके पिता श्री दलीप भादू रावतसर कस्बे की एक प्रतिष्ठित बैंक शाखा में क्लस्टर मैनेजर हैं। परिवार शिक्षित, सुसंस्कृत और सामाजिक रूप से सक्रिय माना जाता है। मानव वर्तमान में अहमदाबाद स्थित बी. जे. मेडिकल कॉलेज में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई कर रहे थे। वह पढ़ाई में अव्वल थे और समाज सेवा को ही जीवन का उद्देश्य मानते थे। उनके करीबी कहते हैं कि मानव एक संवेदनशील, जिम्मेदार और लक्ष्यनिष्ठ युवा थे।

हादसे से 20 दिन पहले घर आए थे मानव

करीब 20 दिन पहले मानव छुट्टियों में अपने घर पीलीबंगा आए थे। उन्होंने माता-पिता, रिश्तेदारों और मित्रों से मुलाकात की। उनकी आंखों में उज्ज्वल भविष्य के सपने और दिल में सेवा का संकल्प था। जब वह कॉलेज लौटे, तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह उनकी आखिरी यात्रा होगी।

विमान हादसे की भयानक खबर और शोक की लहर

गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की खबर जैसे ही मीडिया पर आई, तो देशभर के लोगों की नजरें टीवी चैनलों पर टिक गईं। लेकिन जब यह स्पष्ट हुआ कि इस विमान में मानव भादू भी सवार थे और उनका निधन हो गया है, तो पूरे हनुमानगढ़, विशेषकर पीलीबंगा में शोक की लहर दौड़ गई। क्षेत्रवासी स्तब्ध रह गए। स्कूल-कॉलेजों, बाजारों और मोहल्लों में सन्नाटा छा गया।

पार्थिव शरीर का आगमन: पीलीबंगा में मातम का माहौल

जब मानव भादू का पार्थिव शरीर सरकारी वाहन में पीलीबंगा पहुंचा, तो वहां जनसैलाब उमड़ पड़ा। महिलाएं रोती-बिलखती नजर आईं। युवा छात्र-छात्राएं स्तब्ध खड़े थे और हर आंख नम थी। स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, शिक्षक वर्ग और हजारों नागरिक अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई: भावुक दृश्य

मानव का अंतिम संस्कार अत्यंत भावुक वातावरण में हुआ। उनके शव को तिरंगे में लपेटा गया और श्रद्धांजलि के दौरान नारा गूंजा – “मानव भादू अमर रहें”। लोगों ने फूलों से उन्हें विदा दी, तो किसी की आंखें भी सूखी नहीं बचीं।

इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी, तहसीलदार, पुलिस विभाग, नगर परिषद सदस्य, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, और स्थानीय विधायक भी मौजूद रहे।

भादू परिवार पर टूटा दुःखों का पहाड़

मानव भादू के माता-पिता गहरे सदमे में हैं। उन्हें लगातार परिजनों और प्रशासन द्वारा सांत्वना दी जा रही है। परिवार के जानकारों ने बताया कि मानव का व्यवहार अत्यंत शालीन था और वह अपने माता-पिता की आंखों का तारा थे। उनका जाना ऐसा खालीपन छोड़ गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।

स्थानिय युवाओं में आक्रोश और संवेदनाएं

पीलीबंगा के युवाओं में इस हादसे को लेकर गहरा आक्रोश और दुख है। वे लगातार यह मांग कर रहे हैं कि हादसे की जांच निष्पक्ष और तेज गति से होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।

वहीं, सामाजिक संगठनों ने मानव के नाम पर एक ‘चिकित्सा छात्रवृत्ति फंड’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है ताकि गरीब छात्रों को शिक्षा में मदद दी जा सके और मानव की स्मृति को जीवित रखा जा सके।

हादसे की जांच जारी: काले बॉक्स की रिपोर्ट का इंतजार

गौरतलब है कि एयर इंडिया विमान हादसे में अब तक 270 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया है कि विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसकी रिपोर्ट आने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। शुरुआती अनुमान में तकनीकी खराबी की बात कही जा रही है, लेकिन sabotage (साजिश) की आशंका को भी खारिज नहीं किया गया है।

योग गुरु बाबा रामदेव की टिप्पणी और तुर्की लिंक

इस हादसे को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने भी साजिश की आशंका जताई है। उन्होंने मीडिया से कहा कि भारत के खिलाफ तुर्की में किसी तरह की दुश्मनी की योजना बनाई गई हो, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से सीबीआई या एनआईए द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “हमने इस विमान दुर्घटना में कई अनमोल जीवन खो दिए। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”

राजस्थान के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी मानव भादू के परिवार से बात की और सरकारी सहायता की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मानव जैसे मेधावी छात्र की मौत से राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करें।

मानव भादू की याद में स्कूल में श्रद्धांजलि सभा

मानव भादू जिस स्कूल में पढ़े थे, वहां विशेष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। विद्यार्थियों और शिक्षकों ने उन्हें याद किया और दो मिनट का मौन रखा। स्कूल प्रशासन ने बताया कि मानव एक अनुशासित और प्रेरणादायक छात्र थे।

स्थानीय समाज में चर्चा: क्या यह रोका जा सकता था?

क्षेत्र में यह चर्चा भी तेज है कि यदि विमान में पहले ही तकनीकी जांच में खामी पकड़ ली जाती, तो शायद ये अमूल्य जानें बचाई जा सकती थीं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर भी सवाल उठ रहे हैं कि हादसे से पहले विमान की स्थिति पर कितनी बार जांच की गई थी।

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