कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने संघीय चुनाव में जीत हासिल की है और एक बार फिर सत्ता में वापसी की है। इस बार चुनावों में 22 पंजाबी नेताओं ने जीत दर्ज की, जिनमें से ज्यादातर सिख समुदाय से हैं। यह अब तक का रिकॉर्ड है। इससे पहले 2021 में 18 और 2019 में 20 पंजाबी सांसद चुने गए थे। सबसे पहले बात करते हैं ब्रैम्पटन की, यहां पंजाबियों ने पांच सीटें जीतीं हैं.
ब्रैम्पटन में पंजाबी छाए रहे:
- लिबरल पार्टी से:
- रूबी सहोता (ब्रैम्पटन नॉर्थ)
- मनिंदर सिद्धू (ब्रैम्पटन ईस्ट)
- अमनदीप सोही (ब्रैम्पटन सेंटर)
- कंज़र्वेटिव पार्टी से:
- सुखदीप कंग (ब्रैम्पटन साउथ)
- अमरजीत गिल (ब्रैम्पटन वेस्ट)
इसी तरह लिबरल पार्टी से जो सांसद बनने हैं उनमें
- अनीता आनंद (ओकविला ईस्ट)
- बर्दिश चग्गर (वाटरलू)
- अंजू ढिल्लों (डोरवाल लाचिन)
- सुख धालीवाल (सरे न्यूटन)
- इकविंदर सिंह गहीर (मिसिसागा माल्टन)
- रणदीप सराय (सरे सेंटर)
- गुरबख्श सैनी (फ्लीटवुड पोर्ट केल्स)
- परम बैंस (रिचमंड ईस्ट स्टीवेस्टन)
कंज़र्वेटिव पार्टी से भी कई पंजाबियां ने जीत दर्ज की है इनमें…
- जसराज हलन (कैलगरी ईस्ट)
- दलविंदर गिल (कैलगरी मैक्नाइट)
- अमनप्रीत गिल (कैलगरी स्काईव्यू)
- अर्पण खन्ना (ऑक्सफोर्ड)
- टिम उप्पल (एडमॉन्टन गेटवे)
- परम गिल (मिल्टन ईस्ट)
- सुखमन गिल (एबॉट्सफोर्ड साउथ लैंगली)
- जगशरण सिंह महल (एडमॉन्टन साउथईस्ट)
- हर्ब गिल (विंडसर वेस्ट) out
1993 में पहली बार 3 भारतीय-कनाडाई संसद में पहुंचे थे, जिनमें से गुरबक्श सिंह मल्ही पहले पगड़ीधारी सिख सांसद बने थे।
एनडीपी के जगमीत सिंह की करारी हार:
एनडीपी अध्यक्ष जगमीत सिंह, जो दो बार सांसद रह चुके हैं, बर्नबी सेंट्रल सीट से तीसरे स्थान पर रहे। हार के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
इसी तरह, मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री कमल खेरा भी ब्रैम्पटन वेस्ट से चुनाव हार गईं।