नई दिल्ली, 5 मई 2025 — जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस बैठक में देश की सुरक्षा स्थिति और संभावित जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर चर्चा की गई।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से भी मुलाकात की थी। इन बैठकों का उद्देश्य सुरक्षा बलों की तैयारियों की समीक्षा करना और संभावित रणनीतियों पर विचार करना था।
पहल्गाम हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद, भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय निर्धारण के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की है। इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है और पाकिस्तान के साथ वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया है।
पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर लगातार 11वीं रात गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं, जिनका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया है।
इन घटनाओं के मद्देनजर, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठकें की हैं। सरकार ने विपक्षी दलों के साथ भी सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं, जिसमें सभी ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को समर्थन प्राप्त हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है और पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इन सभी घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी
इससे पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। विपक्षी दलों ने आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ सरकार की ओ से की गई किसी भी कार्रवाई के लिए अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया है। सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया। यह पाया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ। सरकार ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कड़ी कार्रवाइयां कीं। सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। इसके अलावा भी मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर कई पाबंदियां लगाई हैं।