भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जहां पूरा देश एकजुट होकर सेना के समर्थन में खड़ा नजर आ रहा है, वहीं बॉलीवुड के कुछ बड़े सितारों की चुप्पी पर जनता नाराज है। खासकर अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और सलमान खान जैसे दिग्गज सितारे सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने न तो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले पर कुछ कहा, न ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर, और न ही पाकिस्तान द्वारा भारत पर किए गए हालिया हमलों को लेकर कोई प्रतिक्रिया दी है।

अमिताभ बच्चन: 15 दिनों से सोशल मीडिया पर ‘मौन साधना’

बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन पिछले 15 दिनों से केवल ट्वीट नंबर शेयर कर रहे हैं और किसी भी राष्ट्रीय या संवेदनशील मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे। ट्विटर पर उनकी चुप्पी को लेकर यूजर्स ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कई लोगों ने पूछा है कि जब देश युद्ध जैसे हालात से गुजर रहा है, तब एक जिम्मेदार नागरिक और प्रेरणास्रोत होने के नाते उनकी कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आ रही?

एक यूजर ने लिखा, “सर, आपने तो हमेशा सामाजिक मुद्दों पर आवाज़ उठाई है, फिर अब क्यों खामोश हैं?” वहीं दूसरे ने नाराजगी जताते हुए कहा, “ये वही अमिताभ बच्चन हैं जो सब्जियों पर कविता पढ़ते हैं लेकिन देश की चिंता पर चुप रहते हैं।”

शाहरुख खान की चुप्पी बनी ट्रोल का कारण

शाहरुख खान, जिन्हें करोड़ों लोग देश और विदेश में फॉलो करते हैं, की खामोशी भी सवालों के घेरे में है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जो कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की तरह एक जवाबी कार्रवाई थी, उस पर भी किंग खान ने एक शब्द नहीं कहा। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘भारत विरोधी’, ‘डरपोक’ और ‘पाकिस्तान समर्थक’ तक कह रहे हैं।

एक भारतीय यूजर ने लिखा, “पहलगाम और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों पर चुप रहना, उस इंसान के लिए शोभा नहीं देता, जिसे देश का यूथ आइकन माना जाता है।” वहीं दूसरी तरफ, कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ने शाहरुख खान की खामोशी की तारीफ भी की। एक यूजर ने लिखा, “आप राजनीति में नहीं पड़ते, इसके लिए आपको सलाम। आप जैसे इंसान बहुत कम होते हैं, जो शांति के पक्ष में खड़े रहते हैं।”

Amitabh Bachchan Trolled again for not reacting pakistan attack on india

सलमान खान पर भी गुस्सा, कहा- ‘बॉलीवुड सेलिब्रिटी या साइलेंट प्रॉप?’

सलमान खान की खामोशी भी जनता को रास नहीं आ रही। ‘भारत’ फिल्म में देशभक्ति दिखाने वाले इस अभिनेता ने अब तक न तो किसी शहीद के लिए संवेदना व्यक्त की है और न ही देश के समर्थन में कोई पोस्ट किया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स उन्हें भी खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा, “सलमान भाई, आप जब फिल्म प्रमोट करते हो तो सोशल मीडिया पर लाइव आते हो, अब देश के लिए बोलने का वक्त आया तो गायब हो?” एक अन्य ने तीखा हमला करते हुए कहा, “बॉलीवुड स्टार नहीं, साइलेंट प्रॉप हो गए हैं ये लोग। जब देश को जरूरत है, तब ये अदृश्य हो जाते हैं।”

‘भारत में रहकर दिल पाकिस्तानी है?’

इस पूरे मामले में जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में रही, वह थी कुछ यूजर्स का यह आरोप कि बॉलीवुड के कुछ सितारे भारत में रहकर पाकिस्तान का पक्ष लेते हैं। एक यूजर ने शाहरुख खान पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “ये आदमी मेरा और सारे हिंदुस्तान का इंस्पिरेशन है, लेकिन इसने मिशन सिंदूर के बारे में कुछ भी पोस्ट नहीं किया। लगता है भारत में रहकर दिल पाकिस्तानी है।”

सोशल मीडिया पर बना मीम वॉर

सेलेब्स की खामोशी को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है। कुछ लोग उन्हें ‘सेलेक्टिव एक्टिविस्ट’ कह रहे हैं, जो केवल उन मुद्दों पर बोलते हैं जहां उनकी ब्रांड इमेज को फायदा हो। वहीं, कुछ यूजर्स ने पुराने इंटरव्यूज और वीडियोज को शेयर कर के तंज कसा है, जिनमें ये स्टार्स कहते नजर आते हैं कि “हम देश के लिए खड़े हैं।” अब जनता पूछ रही है, “कब खड़े होंगे?”

बॉलीवुड के अन्य सितारों की प्रतिक्रिया

जहां एक ओर बड़े स्टार्स चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं कुछ युवा कलाकारों और साउथ इंडस्ट्री के स्टार्स ने खुलकर सेना के समर्थन में बयान दिए हैं। अक्षय कुमार, कंगना रनौत, अनुपम खेर और साउथ के सुपरस्टार रामचरण जैसे सितारों ने सेना की कार्रवाई की सराहना की है और सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट्स के जरिए एकजुटता दिखाई है।

अक्षय कुमार ने लिखा, “हमारी सेना पर गर्व है। हम उनके साथ हैं। जय हिंद।” वहीं कंगना रनौत ने कहा, “जो लोग चुप हैं, वे देश के साथ नहीं हैं। यह समय बोलने का है, चुप रहने का नहीं।”

क्या सचमुच जरूरी है सेलेब्स का बोलना?

इस बहस के बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सेलेब्स की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे हर राष्ट्रीय मुद्दे पर बोलें? कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सेलेब्स भी आम नागरिक हैं और उन्हें भी बोलने या न बोलने का अधिकार है। लेकिन जब वे पब्लिक फिगर होते हैं, लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं, तब उनकी चुप्पी भी एक तरह का संदेश देती है।

एक मीडिया विशेषज्ञ ने कहा, “चुप रहना भी एक स्टेटमेंट है। जब देश में इतने बड़े हमले होते हैं और आप कुछ नहीं कहते, तो लोग मान लेते हैं कि आप उस मुद्दे को जरूरी नहीं समझते

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