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हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) में कार्यरत रहे चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा की ओर से हिमाचल हाईकोर्ट में सौंपी गई फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी द्वारा लगाए गए ज्यादातर मानसिक उत्पीड़न के आरोप सही पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, न केवल विमल नेगी बल्कि HPPCL के अन्य कई अधिकारी और कर्मचारी भी तनाव और दबाव की स्थिति में काम कर रहे थे। निदेशक देसराज शर्मा और पूर्व एमडी हरिकेश मीणा पर विशेष रूप से आरोप लगे हैं कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते थे और असंसदीय भाषा का प्रयोग करते थे।

फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के खुलासे  

  1. छुट्टी न देना और देर रात तक काम कराना

विमल नेगी को न तो एक दिन की कैजुअल लीव दी जाती थी, न ही समय पर घर जाने की अनुमति। रिपोर्ट में बताया गया कि वे कई बार रात 2:30 बजे तक दफ्तर में काम करते थे।

  1. पूर्व जूनियर ने बनाया मानसिक शोषण का शिकार

ACS की रिपोर्ट के अनुसार, निदेशक देसराज, जो पहले NIT हमीरपुर में नेगी के जूनियर रह चुके थे, उनसे दफ्तर में घंटों फाइल के साथ खड़ा रखते थे।

  1. अन्य कर्मचारियों पर भी अत्याचार

रिपोर्ट में कहा गया कि महिला कर्मचारियों को भी रात 9-10 बजे तक दफ्तर में रुकने पर मजबूर किया जाता था।

  1. घर-परिवार से दूरी और व्यवहार में बदलाव

किरण नेगी के मुताबिक, HPPCL जॉइन करने के दो सप्ताह बाद ही विमल नेगी का व्यवहार बदल गया था और वह परिवार से दूर हो गए थे।

  1. छुट्टी लेने पर धमकी और दबाव

मेडिकल लीव लेने पर भी विमल नेगी को छुट्टी पूरी होने से पहले ही ड्यूटी जॉइन करने को कहा गया। देरी पर एक्सप्लेनेशन कॉल्स की धमकी दी जाती थी।

  1. फोन कॉल्स से तनाव

फरवरी में रिकांगपिओ जाते समय हरिकेश मीणा और देसराज लगातार फोन कर रहे थे, जिससे वे मानसिक रूप से परेशान हो गए थे।

  1. ट्रांसफर की अनुमति नहीं

रिपोर्ट में उल्लेख है कि जब किरण ने ट्रांसफर की बात की तो नेगी ने कहा, “मीणा मेरी ट्रांसफर नहीं होने देगा।”

  1. पेखुवाला प्रोजेक्ट का दबाव

देसराज ने नेगी पर रेवेन्यू प्रोजेक्शन रिपोर्ट में बदलाव कर ₹19 करोड़ की जगह ₹25 करोड़ दर्शाने का दबाव डाला, जो विधानसभा में पेश होनी थी।

  1. असंसदीय भाषा का उपयोग

देसराज शर्मा द्वारा “ब्रेनलेस पर्सन” और अन्य अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल बार-बार किया गया।

  1. दफ्तर का माहौल बेहद तनावपूर्ण

रिपोर्ट में एक महिला अधिकारी ने कहा कि जब से हरिकेश मीणा, देसराज और शिवम प्रताप आए, तब से दफ्तर का वातावरण लगातार खराब हुआ।

CBI कर रही मामले की जांच

वहीं हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए CBI जांच के आदेश दे दिए हैं। दिल्ली में केस दर्ज कर लिया गया है और CBI ने प्रारंभिक पूछताछ शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और 18 मार्च को उनका शव गोबिंदसागर झील से बरामद हुआ था। 19 मार्च को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों ने शव के साथ HPPCL कार्यालय के बाहर देर रात तक धरना दिया। उसी दिन न्यू शिमला थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई और ACS ओंकार शर्मा को जांच सौंपी गई थी। 20 मार्च को SP शिमला द्वारा SIT गठित की गई, लेकिन इसकी जांच पर खुद DGP ने सवाल खड़े कर दिए। यह मामला अब सिर्फ एक कर्मचारी की आत्महत्या नहीं बल्कि संस्थागत उत्पीड़न और अफसरशाही की बर्बरता के गंभीर उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। ACS की रिपोर्ट, CBI जांच और अदालत की निगरानी में अब सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।

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