इस्राइल और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक और सैन्य तनाव ने अब एक बार फिर विश्व समुदाय को चिंता में डाल दिया है। शुक्रवार की सुबह इस्राइल द्वारा ईरान की राजधानी तेहरान और उसके आसपास के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले से वैश्विक हवाई यात्रा प्रभावित हो गई है। भारत समेत कई देशों की उड़ानों को रद्द या डायवर्ट करना पड़ा है। इस बीच दिल्ली हवाई अड्डे ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए यात्रियों को सतर्क किया है।
इस्राइल का बड़ा हमला: ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने बने निशाना
शुक्रवार की सुबह दुनिया को चौंकाने वाली खबर सामने आई जब इस्राइल ने ईरान के कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला कर दिया। यह हमला ईरान के उन परमाणु प्रतिष्ठानों और सैन्य ठिकानों पर किया गया जिन्हें इस्राइल क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
इस्राइल ने दावा किया है कि यह हमला ‘रोकथाम की रणनीति’ के तहत किया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ईरान भविष्य में परमाणु हथियारों को विकसित नहीं कर सके। इस हमले ने न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरे विश्व की सुरक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है।
ईरान की प्रतिक्रिया: एयरस्पेस बंद, तनाव चरम पर
हमले के तुरंत बाद ईरान ने प्रतिक्रिया में कई कड़े कदम उठाए। सबसे पहले उसने अपने एयरस्पेस को पूरी तरह बंद कर दिया। इसका सीधा असर उन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा जो मध्य-पूर्व एशिया होकर गुजरती हैं। एयरस्पेस बंद होने के कारण भारत से यूरोप और अमेरिका की ओर जाने वाली कई उड़ानों को वापस बुला लिया गया या वैकल्पिक रूट पर मोड़ दिया गया।
इसके अलावा ईरानी वायुसेना ने अपनी सभी रक्षा प्रणालियों को एक्टिव कर दिया है और संभावित हमलों से निपटने के लिए सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कई ईरानी नेताओं ने इस्राइल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देने की चेतावनी भी दी है।
भारत पर असर: दिल्ली एयरपोर्ट ने दी एडवाइजरी
इस तनाव का असर भारत पर भी पड़ा है, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन पर। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें यात्रियों को सतर्क किया गया है। एडवाइजरी में कहा गया है कि फिलहाल दिल्ली एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं, लेकिन ईरान, इराक और आसपास के हवाई क्षेत्र में बदलते हालात के कारण कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है।
दिल्ली एयरपोर्ट ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में लिखा,
“दिल्ली एयरपोर्ट पर परिचालन सुचारू रूप से चल रहा है। हालांकि, ईरान, इराक और पड़ोसी क्षेत्र में हवाई क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों के कारण कुछ उड़ानों का कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी उड़ानों के बारे में नवीनतम अपडेट के लिए अपनी संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करें।”
कई एयरलाइनों ने उड़ानें बदलीं या रद्द कीं
ईरान का एयरस्पेस बंद होने के बाद एयर इंडिया, इंडिगो, एमिरेट्स, कतार एयरवेज, लुफ्थांसा, टर्किश एयरलाइंस जैसी कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने अपनी उड़ानों के मार्ग में बदलाव किया है। कुछ उड़ानों को बीच रास्ते से वापस भारत बुला लिया गया जबकि कई को अन्य रास्तों से भेजा गया जिससे यात्रा समय में बढ़ोतरी हुई।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया,
“हमारी फ्लाइट जो यूरोप के लिए रवाना हुई थी, उसे वापस बुला लिया गया है क्योंकि ईरान का एयरस्पेस अचानक बंद कर दिया गया। फिलहाल हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और यात्रियों को सुरक्षित वैकल्पिक मार्गों से पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।”
यात्रियों में चिंता, एयरपोर्ट पर बढ़ी चहल-पहल
दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह से ही यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। जो यात्री यूरोप, अमेरिका या पश्चिम एशिया की उड़ानों में जाने वाले थे, उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। कुछ को अंतिम समय पर अपनी फ्लाइट रद्द होने की जानकारी मिली, तो कुछ यात्रियों की फ्लाइट घंटों देरी से रवाना हुई।
एक यात्री, प्रवीण शर्मा, जो दिल्ली से लंदन जा रहे थे, ने कहा,
“मुझे एयरपोर्ट पहुंचने के बाद पता चला कि मेरी फ्लाइट के रूट को बदला गया है और अब यह 3 घंटे देरी से चलेगी। एयरलाइन ने कोई स्पष्ट सूचना पहले नहीं दी थी।”
एयरलाइंस की अपील: धैर्य रखें और अपडेट लेते रहें
एयरलाइनों और एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्रियों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और किसी अफवाह पर ध्यान न दें। सभी यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति के बारे में एयरलाइन की वेबसाइट या हेल्पलाइन के माध्यम से जानकारी लें।
इसके अलावा, एयरपोर्ट अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अस्थायी संकट है और जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, उड़ानें अपने तय समय पर संचालित की जाएंगी।
राजनीतिक विश्लेषण: क्या बढ़ेगा युद्ध का खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस्राइल और ईरान के बीच यह ताजा टकराव किसी बड़े युद्ध की भूमिका बन सकता है। मध्य-पूर्व के हालात पहले ही अस्थिर हैं, और इस प्रकार का हमला उस अस्थिरता को और बढ़ा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ प्रो. नवीन खन्ना का कहना है,
“यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह पश्चिम एशिया की कूटनीतिक दिशा को भी तय कर सकता है। यदि ईरान इसकी जवाबी कार्रवाई करता है, तो अमेरिका, रूस और चीन जैसे वैश्विक ताकतों की भूमिका भी इसमें आ सकती है।”
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया और वैश्विक चिंता
इस्राइल द्वारा ईरान पर किए गए हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने गहरी चिंता जताई है। यूएन महासचिव ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सभी राजनयिक प्रयास किए जाएंगे।
भारत की भूमिका और विदेश मंत्रालय की नजर
भारत सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विदेश मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। भारत मध्य-पूर्व के सभी देशों से व्यापारिक और राजनयिक संबंध रखता है, इसलिए वहां किसी भी प्रकार का संघर्ष भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
भारत के विदेश मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा,
“हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। हमारे नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता है। सभी भारतीय यात्रियों और नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और आधिकारिक सूचना का पालन करें।”