कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की एक अहम बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई, जिसमें हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले और केंद्र सरकार द्वारा घोषित जाति जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, के.सी. वेणुगोपाल और अजय माकन जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।

बैठक में कांग्रेस प्रमुख खरगे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र के पास पहलगाम हमले के बाद स्थिति से निपटने की कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस मसले पर पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है, लेकिन आतंकी हमले के इतने दिन बीत जाने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई ठोस योजना सामने नहीं आई है।

सूत्रों के अनुसार, बैठक में दो प्रस्तावों को पारित किए जाने की संभावना जताई गई – पहला, पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग और दूसरा, जाति जनगणना के लिए धन आवंटन की अपील। साथ ही, यह मांग भी की गई कि संविधान में संशोधन कर आरक्षण की 50% सीमा को हटाया जाए और अनुच्छेद 15(5) को लागू किया जाए, जिससे निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ दिया जा सके।

बैठक में खरगे ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के दबाव और जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाने की वजह से सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने हाल ही में कानपुर में शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात कर उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग की थी। खरगे ने कहा, “हम एकजुट होकर देश की एकता, अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेंगे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष पूरी मजबूती से सरकार के साथ खड़ा है।”

इस बैठक का आयोजन ऐसे समय पर हुआ है, जब केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे, जो देश की आजादी के बाद पहली बार होगा। कांग्रेस इस निर्णय को लेकर सरकार से पारदर्शिता और तुरंत कार्रवाई की मांग कर रही है।

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