पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा पानी का विवाद अभी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा। इसी बीच BBMB यानी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाखड़ा डैम की सुरक्षा के लिए CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती की तैयारी चल रही है।

BBMB चेयरमैन ने लगाए आरोप

बीबीएमबी अध्यक्ष का कहना है कि पंजाब कैडर के अधिकारी और पंजाब पुलिस उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसी वजह से वह और उनके साथी अधिकारी अपने जरूरी काम, जैसे कि डैम की सुरक्षा जांच और पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने का काम नहीं कर पाए। त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने 200 क्यूसेक पानी छोड़ा था, लेकिन पंजाब पुलिस ने उसे भी बंद करवा दिया। इसके बाद उन्हें नंगल गेस्ट हाउस में दो घंटे तक रोका गया और भाखड़ा डैम का दौरा नहीं करने दिया गया। उन्होंने बताया कि जब वे सुरक्षा निदेशक के साथ नंगल डैम की ओर जा रहे थे, तो दो अनजान लोगों ने उन्हें डैम परिसर में घुसने नहीं दिया। स्थानीय पुलिस ने मुझे कहा डैम का दौरा करने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। मुझे कहा गया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान आने वाले हैं, इसलिए वे गेस्ट हाउस चले जाएं। डैम का गेट बंद था और अंदर जाना मुमकिन नहीं था।

हाईकोर्ट ने पंजाब से मांगा जवाब

गौरतलब है कि भाखड़ा नंगल डैम से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार यह आश्वासन दे कि हाई कोर्ट का फैसला लागू किया जाएगा, नहीं तो मुख्य सचिव और डीजीपी को अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा। पंजाब सरकार ने इस पर आपत्ति जताई। कहा कि उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। साथ ही सुनवाई सोमवार तक स्थगित करने की मांग की। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने कहा कि यदि पंजाब सरकार आश्वासन देती है तो सुनवाई सोमवार तक टाली जा सकती है। अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी

 

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