8-9 मई की रात को भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव अचानक उस समय बढ़ गया जब पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की गई। हालांकि भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के रडार सिस्टम पर हमले किए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पश्चिमी सीमा पर स्थित राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और कई शहरों में ब्लैकआउट लागू किया गया है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और हरियाणा जैसे सीमावर्ती राज्यों में आम लोगों के बीच घबराहट का माहौल बन गया है। इस घबराहट का असर सबसे ज्यादा पेट्रोल पंपों पर देखने को मिल रहा है, जहां भारी भीड़ जुट रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि लोग बड़ी संख्या में पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं।

सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़

पाकिस्तान की ओर से हुए हमले के बाद जैसे ही यह खबर फैली, सोशल मीडिया पर कई अफवाहें भी फैलने लगीं। कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की भारी कमी हो सकती है, जबकि कुछ ने तो यहां तक कहा कि सीमावर्ती इलाकों में ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी गई है। इस तरह की झूठी खबरों से लोगों में दहशत और भी बढ़ गई और नतीजतन, पेट्रोल पंपों पर भीड़ बढ़ने लगी।

इंडियन ऑयल ने किया स्पष्ट: पर्याप्त स्टॉक मौजूद है

इस स्थिति के मद्देनज़र भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और ईंधन खरीदने के लिए जल्दबाजी न करें।

आईओसी के बयान में कहा गया है, “देशभर में हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है और सप्लाई चेन पूरी तरह से कार्यरत है। कृपया शांति बनाए रखें और अनावश्यक रूप से ईंधन न भरवाएं। इससे सप्लाई चैन पर दबाव नहीं पड़ेगा और सभी को निर्बाध रूप से ईंधन मिलता रहेगा।”

अन्य तेल कंपनियों ने भी की अपील

इंडियन ऑयल के अलावा भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी अन्य तेल कंपनियों ने भी जनता से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में अस्थायी तौर पर सप्लाई रोकी जा सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि देश में ईंधन की कमी है।

एक वरिष्ठ तेल कंपनी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “सरकार और तेल कंपनियां मिलकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अगर किसी इलाके में ब्लैकआउट या ट्रांसपोर्ट रुकता है, तो वह अस्थायी है। पैनिक बायिंग से संकट गहरा सकता है, इसलिए कृपया धैर्य रखें।”

ब्लैकआउट का निर्णय: सुरक्षा के लिहाज से एहतियात

पाकिस्तानी हमलों के बाद जम्मू, अमृतसर, पठानकोट, श्रीनगर, गुरदासपुर जैसे शहरों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है। सेना और प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे एक जरूरी कदम बताया है। उनका कहना है कि अंधेरे में दुश्मन के ड्रोन और मिसाइल हमलों को भटकाना आसान होता है और इससे नागरिकों की जान की सुरक्षा भी बढ़ जाती है।

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, “पिछली रात पाकिस्तान की ओर से जिन इलाकों पर हमले की कोशिश की गई थी, वे सभी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण थे। हमारी एयर डिफेंस यूनिट्स पूरी तरह मुस्तैद थीं और हमने समय रहते सभी खतरों को नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में हमने पाकिस्तान के भीतर स्थित कम-से-कम चार रडार केंद्रों को ध्वस्त किया है।”

भारत की जवाबी कार्रवाई: सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सटीकता

भारतीय वायुसेना और सेना ने मिलकर जवाबी हमलों में पाकिस्तान की सीमा के भीतर स्थित उन ठिकानों को निशाना बनाया, जहां से ड्रोन और मिसाइल हमलों को अंजाम देने की योजना थी। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, ये हमले पूरी तरह सटीक और सीमित थे, जिनका उद्देश्य पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना था।

इन जवाबी हमलों के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सीमा पर तनाव अब भी बरकरार है। एलओसी के पास सभी चौकियों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। वायुसेना की सक्रियता भी बढ़ा दी गई है और सीमा पर रडारों की निगरानी को तीन गुना कर दिया गया है।

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