प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के रोहतास जिले के विक्रमगंज में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया। पहली बार उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की सेना को भी सीधा निशाना बनाया गया और उनके सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया गया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भावनात्मक अंदाज़ में कहा कि “पहलगाम में जघन्य आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद मैं बिहार आया था और यहां की धरती से देश को वचन दिया था कि आतंक के आकाओं को मिट्टी में मिला दूंगा। आज उसी धरती पर खड़ा होकर कह रहा हूं – वचन पूरा करके आया हूं।”
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में साफ कर दिया था कि यह युद्ध नहीं है, बल्कि आतंक के खिलाफ एक निर्णायक कार्यवाही है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस और सैन्य ठिकानों को कुछ ही मिनटों में तबाह कर दिया। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, उनकी पनाहगाहें हमारी सेना ने खंडहर में बदल दीं। पाकिस्तान की सेना की छत्रछाया में पलने वाले आतंकी खुद को अब तक सुरक्षित मानते थे। लेकिन हमारी सेना ने एक ही झटके में उन्हें घुटनों पर ला दिया।”
जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने सासाराम का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा, “इसके तो नाम में ही राम है। राम राज्य में एक ही रीति थी—प्राण जाए पर वचन न जाए। और आज राम की यही रीति नए भारत की नीति बन चुकी है। नया भारत अपने वादे निभाता है और दुश्मनों को उसी भाषा में जवाब देता है, जो वे समझते हैं।”
प्रधानमंत्री ने वीर कुंवर सिंह का स्मरण करते हुए कहा कि यह धरती त्याग, बलिदान और शौर्य की भूमि रही है। यहां के नौजवान सेना, बीएसएफ और सुरक्षा बलों में अपनी जवानी देश की सेवा में समर्पित कर देते हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के साथ ही सीमा सुरक्षा बल (BSF) की बहादुरी को भी सलाम किया और बताया कि इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने दुश्मनों को घुसपैठ के हर प्रयास में मुंहतोड़ जवाब दिया।
इस दौरान पीएम मोदी ने शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि भी अर्पित की, जो 10 मई को सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा, “मां भारती की रक्षा बीएसएफ के जवानों के लिए सर्वोपरि है और ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका को पूरी दुनिया ने देखा है।”
भाषण के अंत में पीएम मोदी ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर न केवल सीमापार आतंकवादियों के खिलाफ था, बल्कि भारत में छिपे हुए उनके समर्थकों के खिलाफ भी है। उन्होंने चेताया, “चाहे वो दुश्मन सीमा पार हों या हमारे भीतर—उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह नया भारत है, अब आतंक के आकाओं को पनाह नहीं मिलेगी, सिर्फ सज़ा मिलेगी।”
प्रधानमंत्री का यह बयान साफ संकेत देता है कि भारत अब आतंकवाद को केवल सीमाओं पर रोकने की नहीं, बल्कि उसके स्रोतों को खत्म करने की नीति पर आगे बढ़ रहा है। उनकी यह बात जनसभा में मौजूद लोगों को न केवल गर्व से भर गई, बल्कि देश भर में एक स्पष्ट संदेश भी गया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नई रणनीतिक सोच का प्रमाण है।