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India-Pakistan: भारत की पाकिस्तान पर एक और स्ट्राइक, कारोबार को पूरी तरह से किया बंद

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने एक कड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सभी प्रकार के सामानों के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला सिर्फ सीधे आयात तक सीमित नहीं है, बल्कि किसी भी तीसरे देश के जरिए परोक्ष रूप से आने वाले सामानों पर भी लागू होगा।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 2 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, यह निर्णय विदेश व्यापार नीति (Foreign Trade Policy – FTP) 2023 में संशोधन कर लिया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने स्पष्ट किया कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है। FTP में शामिल किए गए नए खंड में उल्लेख है कि पाकिस्तान से उत्पन्न या वहां से निर्यात किए गए सभी प्रकार के माल, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात करने योग्य हों या न हों, उनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भारत में प्रवेश अब प्रतिबंधित रहेगा। इस प्रतिबंध में कोई भी छूट केवल भारत सरकार की विशेष स्वीकृति के बाद ही दी जा सकेगी।

आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को बड़ा झटका

भारत के इस कदम से पाकिस्तान को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगा है। पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए भारत के साथ व्यापारिक संबंधों का टूटना एक और बड़ा धक्का है। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापारिक गतिविधियाँ ही जारी थीं, लेकिन अब उन पर भी पूरी तरह से विराम लग गया है। यह कदम पाकिस्तान की रणनीतिक अक्षमता और आतंकवाद को पनाह देने की नीति पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की बहुआयामी रणनीति

भारत अब आतंकवाद को सिर्फ सैन्य या कूटनीतिक स्तर पर नहीं, बल्कि आर्थिक और वैश्विक स्तर पर भी जवाब देने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। हाल ही में भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा की बात कही थी, और अब व्यापारिक प्रतिबंध के जरिए पाकिस्तान को हर दिशा से घेरने की रणनीति अपनाई जा रही है।

पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हताशा

भारत के इन कदमों से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के नेताओं ने पहले आक्रामक बयानबाजी की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो अब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र का सहारा लिया है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के फैसले को “वैश्विक शांति के लिए खतरा” बताया, लेकिन यह बयान भारत पर दबाव बनाने की विफल रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जवाब

भारत ने भी पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने की रणनीति तेज कर दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोपीय संघ की विदेश मंत्री काजा कल्लस से बातचीत कर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के सबूत साझा किए। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद के मुद्दे पर अब सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस एक्शन की ज़रूरत है।

भारत का यह कदम दर्शाता है कि अब सरकार आतंकवाद के खिलाफ सख्त और बहुआयामी नीति पर चल रही है। पाकिस्तान को आर्थिक, कूटनीतिक और वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की दिशा में यह एक और बड़ा कदम है। यह फैसला न केवल पाकिस्तान के लिए चेतावनी है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, रणनीतिक प्रतिकार के रास्ते पर चल चुका है।

 

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