वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को खूब सुनाया इसके साथ ही बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि दान अपनी संपत्ति का कर सकते हैं, सरकारी जमीन का नहीं। उन्होंने कहा कि वक्फ एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोरमेंट है। इसमें व्यक्ति पवित्र दान करता है। दान उसी चीज का किया जा सकता है जो हमारा है। मैं सरकारी संपत्ति या किसी दूसरे की संपत्ति का दान नहीं कर सकता। ये सारी बहस इसी बात पर है। यही नहीं शाह ने अपनी बात रखते हुए दो टूक कहा कि संसद का कानून है सबको स्वीकार करना पड़ेगा। बता दें कि विपक्ष वक्फ संशोधन विधेयक का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। इसी को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री आमित शाह विपक्ष पर भड़क गए और कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं को खूब सुनाया।
‘अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश’
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि ‘मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां कई सदस्यों के मन में है और सदन के माध्यम से कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है।’ अमित शाह ने आगे कहा ‘ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है। ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। मैं कुछ बातों को स्पष्ट करने का प्रयास करूंगा।’
‘वक्फ में गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं होगी’
केंद्रीय मंत्री शाह ने सदन में दो टूक कहा कि सबसे पहले, वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है।
2013 के संशोधन को लेकर भड़के गृहमंत्री
अमित शाह ने कांग्रेस पर डायरेक्ट अटैक करते हुए कहा कि वक्फ बिल पर साल 2013 में जो संशोधन आया, वो अगर नहीं आया होता तो आज ये संशोधन लाने की नौबत नहीं आती। उस समय कांग्रेस सरकार ने दिल्ली में लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। उन्होंने तमिलनाडु से कर्नाटक तक के उदाहरण दिए जिस पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और सदन को भ्रमित करने का आरोप लगाया।