UP's MARKET: सुरक्षा एजेंसी की निगरानी में उत्तर प्रदेश के बाजारUP's MARKET: सुरक्षा एजेंसी की निगरानी में उत्तर प्रदेश के बाजार

UP’s MARKET: सुरक्षा एजेंसी की निगरानी में उत्तर प्रदेश के बाजार

उत्तरप्रदेश से हर तरह की आतंकी गतिविधि को खत्म करने के लिए योगी सरकार ने एक बार फिर जोरों से अपनी कमर कस ली है। अभी हालही में पहलगाम में हुई आतंकी गतिविधि ने सभी का दिल झक्झोर कर रख दिया था। जिसका सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इसी कड़ी में अब उत्तरप्रदेश ने नेपाल सीमा से सटे अपने जिलों के बाजारों की सुरक्षा की दृष्टि से जांच शुरू कर दी है

आपको बता दें कि नेपाल सीमा से सभी बाजार अब सुरक्षा एजेंसी के रडार पर हैं। और इतना ही नहीं महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले की करीब 550 किलोमीटर खुली सीमा नेपाल से लगती है। और इसी को देखते हुए अब इन क्षेत्रों के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है या कहें कि सुरक्षा एजेंसी द्वारा कुंडली खंगाली जा रही है।

प्रशासन और सुरक्षा एजेंसी इस बात से अच्छे से वाकिफ है कि इन जिलों की, इन जिलों के बाजारों की सुरक्षा राज्य और देश के लिए आने वाले समय में कितनी जरूरी हो गई है। सभी इस बात से वाकिफ है कि आपराधिक गतिविधियां और कभी-कभी आतंकी साजिशें भी इसी सीमा के रास्ते प्रदेश में पहले भी आकार लेती रही हैं और आने वाले समय में भी ऐसी घटनाएं होने की पूरी पूरी संभावना है। ऐसे में इस कार्रवाई को बेहद जरूरी माना जा रहा है।

सुरक्षा एजेंसी द्वारा यहां पर सुरक्षा के हर संभव प्रयास किए जाएंगें। पुलिस मुख्यालय से पत्र आने के बाद खुफिया एजेंसी के साथ ही स्थानीय थाने की टीम भी इस कार्य में जुट गई है। कार्य है इन इलाकों में चल रही सभी व्यवसायिक गतिविधियों की पल पल की जानकारी जुटाना इस जानकारी में शामिल है कि कौन सा व्यवसाय कब शुरू हुआ।

इससे पहले वहां क्या होता था। व्यवसाय करने वाले की पृष्ठभूमि क्या है। जिनका कोई बड़ा व्यावसायिक इतिहास नहीं था, लेकिन हाल के वर्षों में बड़ी दुकानें, शोरूम, वाहन और संपत्ति खड़ी कर ली, ऐसे नवधनाढ्य भी एजेंसी की नजर में हैं।
उनकी पूंजी के स्रोत (बाहरी फंडिंग तो नहीं है)इसका भी पता लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि यह जानकारी डिजिटल डेटाबेस में संरक्षित की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर खुफिया विभाग, एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड) और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) जैसी एजेंसी इसका इस्तेमाल कर सकेंगी। इसकी पूरी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भी भेजी जाएगी।

प्रशासन द्वारा अपने राज्य और जिलों को आतंक मुक्त और दंगा मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाते रहे है और अब ये प्रयास भी नेपाल सीमा से सटे उत्तरप्रदेश के जिलों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। क्योंकि यदि सुरक्षा एजेंसियां पहले ही इस बात से वाकिफ होगी तो आने वाले खतरे को रोका जा सकता है वही किसी आतंकी गतिविधि का यदि पहले ही पता लग जाए तो आप खुद भी बेहद अच्छी तरह से समझ सकते है कि कितनी बड़ी घटना को अंजाम देने से रोक दिया गया है।

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