राजस्थान

राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुँचाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ में हुए एमओयू की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध क्रियान्विति के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट के दौरान लगभग 37 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुए, जिनमें से 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश अब तक धरातल पर उतर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये निवेश न केवल राज्य के औद्योगिक विकास को गति देंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सुनिश्चित करेंगे।हमारी नीतियों का केंद्रबिंदु निवेश प्रोत्साहन है। निवेशकों की अपेक्षाओं को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है और उनकी योजनाओं को तय समयसीमा में मूर्त रूप देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।”

मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वे निवेशकों द्वारा माँगी गई भूमि के त्वरित आवंटन की प्रक्रिया सुनिश्चित करें और संभावित स्थानों का निरीक्षण भी करवाएं। उन्होंने विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश भी दिए, जो हर एमओयू की निरंतर समीक्षा करेंगे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की नई पर्यटन नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे ईको, रूरल, हैरिटेज, एडवेंचर और धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने राजस्थान को विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक पसंदीदा स्थल बताते हुए इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं गिनाईं।

चिकित्सा क्षेत्र की समीक्षा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि एमओयू के तहत स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज और अस्पताल राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में युवाओं के लिए कैरियर के सुनहरे अवसर उपलब्ध हैं, जिन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

इलेक्ट्रिक व्हीकल और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित प्राकृतिक संसाधनों के चलते ईवी सेक्टर का विकास समय की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि निवेशकों की समस्याओं का समाधान सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से किया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, निवेशक और ज़िलों के कलेक्टर्स वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एमओयू की धरातली क्रियान्विति न केवल राज्य के आर्थिक भविष्य को दिशा देगी, बल्कि निवेशकों के भरोसे को भी मजबूत करेगी।

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