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हरियाणा में तेज़ी से फैलते जल संकट को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राज्य सरकार, पंजाब सरकार और केंद्र सरकार पर एकसाथ तीखा हमला बोला है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि हरियाणा जल संकट से कराह रहा है लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिर्फ राजनीतिक ड्रामेबाज़ी में व्यस्त हैं।

‘सरकारें एक-दूसरे को चिट्ठियाँ लिख रही हैं, जनता पानी के लिए तरस रही है’

एक प्रेस बयान में सुरजेवाला ने कहा, “पूरा हरियाणा प्यासा है, लेकिन सीएम सैनी और भगवंत मान एक-दूसरे को लव लेटर लिखने और चंडीगढ़ में फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं। न केंद्र सरकार इस पर कोई संज्ञान ले रही है और न ही हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगा रही है।”

उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि यह केवल राजनीतिक बहस का मुद्दा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की ज़िंदगी और खेती से जुड़ा मसला है।

भाखड़ा डैम से पानी की सप्लाई घटकर आधी हुई

सुरजेवाला ने बताया कि पहले भाखड़ा नंगल डैम से हरियाणा को प्रतिदिन 8500 क्यूसिक पानी मिलता था, जो अब घटकर सिर्फ 4000 क्यूसिक रह गया है। इससे न सिर्फ आम लोगों को पीने के पानी में भारी दिक्कत हो रही है, बल्कि आने वाले दिनों में किसानों को भी सिंचाई के लिए गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि गर्मी अपने चरम पर है और भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा है, ऐसे में पानी की कमी से हालात और भी भयावह हो सकते हैं।

‘हरियाणा सरकार चुप क्यों है?’

रणदीप सुरजेवाला ने सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार के पास सभी अधिकार हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जल शक्ति मंत्रालय के पास क्यों नहीं जाते? उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मुद्दे पर बिल्कुल चुप हैं, जबकि ये हरियाणा के हित का सबसे बड़ा सवाल है।

राजनीति नहीं, समाधान चाहिए

सुरजेवाला ने यह भी कहा कि हरियाणा की जनता को अब बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस हल चाहिए। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) को निर्देश देना चाहिए कि हरियाणा को उसका निर्धारित हिस्सा पानी तुरंत उपलब्ध कराया जाए।

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