VINAY NARWAL: जांबाज थे विनय नरवाल...VINAY NARWAL: जांबाज थे विनय नरवाल...

VINAY NARWAL: जांबाज थे विनय नरवाल…

ये दिन भी इतिहास के उन पन्नों में दर्ज हो गया…जब आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में खुनी खेल खेला… और 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया…

जी हां, कभी धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर आज फिर खून के आंसुओं में डूब गया। पहलगाम की वादियां, जो कभी टूरिस्टों की खिलखिलाहट और झरनों की कल-कल से गूंजती थीं, आज गोलियों की गूंज और चीखों की खामोशी में बदल गईं। पहलगाम में हुए ताज़ा आतंकी हमले ने सिर्फ इंसानी जानें नहीं छीनीं, बल्कि एक बार फिर उस उम्मीद का गला घोंट दिया, जो अमन की सुबह देखने की तमन्ना में हर दिन जागती है।

अब पहलगाम की वादियां खामोश हैं। वो होटल जहां एक दिन पहले तक चहल-पहल थी, अब वीरान हैं। झरनों की कल-कल में अब रुदन की गूंज है। वहां की हर चोटी, हर दरख़्त जैसे इस अन्याय पर मौन है। पहलगाम, जो जीवन का उत्सव था, अब मातम का एक मुकाम बन गया है।

आपको बता दें कि, इस हमले में मारे गए लोगों में करनाल के रहने वाले नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी हैं, जिनसे आतंकियों धर्म पूछा और गोलियां से छलनी कर दिया। लेफ्टिनेंट विनय की 7 दिन पहले ही गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल से शादी हुई थी। वे दोनों 21 अप्रैल को हनीमून मनाने के लिए पहलगाम गए थे। और अगले ही दिन 22 अप्रैल को विनय की हत्या कर दी गई।

विनय की मौत की खबर मिलते ही उनके पिता, बहन और ससुर रात को ही कश्मीर रवाना हो गए। जहां बुधवार सुबह विनय का पोस्टमॉर्टम हुआ। जिसके बाद पार्थिव शरीर को हवाई मार्ग से दिल्ली लाया गया। जहां उन्हें नेवी के हेडक्वार्टर में श्रद्धांजलि दी गई। विनय का अंतिम संस्कार करनाल के मॉडल टाउन स्थित श्मशान घाट में किया गया।

वहीं, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने बताया कि,

मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी। एक आदमी आया और कहा ये मुस्लिम नहीं है, फिर गोली मार दी

हिमांशी ने आगे बताया कि,

मंगलवार को जब वे बैसरन घाटी में घूम रहे थे, उसी दौरान आतंकियों ने विनय पर फायरिंग कर दी। जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि मैं सुरक्षित हूं।

आपको बता दें कि, लेफ्टिनेंट विनय का 8 दिन बाद 1 मई को बर्थडे भी था। शादी के बाद पहले बर्थडे को लेकर परिवार ने ग्रैंड पार्टी प्लान की थी। इसके बाद 3 मई को उन्हें पत्नी के साथ कोच्चि ड्यूटी पर लौटना था। विनय के खून में भी देश सेवा का जज्बा था। क्योंकि, विनय का परिवारिक बैकग्राउंड आर्मी से है जिसकी वजह से पढ़ाई के दिनों से ही वे आर्मी में जाने के इच्छुक थे।

इसिलिए विनय स्कूल टाइम में ही CDS की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की तैयारी शुरू कर दी। 3 साल पहले उनका चयन नेवी में हो गया।

बताया जा रहा है कि, शादी के बाद विनय नरवाल यूरोप में हनीमून का प्लान बनाया था। जिसके लिए वीजा भी अप्लाई किया था। लेकिन, वीजा नहीं लग पाया और यूरोप जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया। इसके बाद 21 अप्रैल को दोनों जम्मू-कश्मीर के लिए निकल गए। 22 अप्रैल को वे पहलगाम में होटल में ठहरे हुए थे।

दादा हवा सिंह के मुताबिक खाना खाने के बाद वे नीचे डेस्टिनेशन पॉइंट पर घूमने के लिए गए थे। उसी दौरान आतंकी हमला हो गया।

वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विनय नरवाल के दादा फोन पर बात करते हुए कहा कि,

पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सरकार इस पर सख्त कार्रवाई करेगी। भगवान से प्रार्थना है कि उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।

वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहल लाल ने विनय नरवाल के दादा से बात की, उन्होने कहा कि,

“ये बहुत बड़ा मामला है, और इसे शब्दों में पूरा व्यक्त नहीं किया जा सकता। मुझे पता चला है कि, उनकी हाल ही में शादी हुई थी। बस यही कहना है कि, देश के लिए शहीद होने वालों का नाम हमेशा अमर रहेगा। आपको हिम्मत रखनी होगी। भगवान विनय की आत्मा को शांति प्रदान करें।”

ऐसे में हर भारतीय के जहन में एक सवाल जरूर है, ये आतंकवाद कब खत्म होगा… क्योंकि, कश्मीर को अब आतंक नहीं, प्यार चाहिए, सुरक्षा चाहिए, संवाद चाहिए, इंसाफ़ चाहिए। पहलगाम की इस घटना ने एकबार फिर याद दिला दिया है कि, आतंक का कोई धर्म नहीं होता, उसका सिर्फ एक चेहरा होता है- वो चेहरा जो हर बार इंसानियत को शर्मसार करता है।

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