समाजवादी पार्टी (सपा) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में अकेले अपनी ताकत आजमाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने 21 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने का ऐलान किया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि इंडिया गठबंधन के तहत उन्हें कोई उचित हिस्सेदारी नहीं मिली। सपा के झारखंड राज्य प्रभारी व्यासजी गोंड ने गठबंधन में सपा को उचित सम्मान न मिलने का आरोप लगाया और कहा कि यह स्थिति मध्य प्रदेश जैसी हो सकती है, जहां सपा को पिछले चुनाव में कोई सीट नहीं मिली थी।

गठबंधन में असहमति और सपा की स्थिति

झारखंड में सपा की स्थिति को लेकर व्यासजी गोंड ने स्पष्ट किया कि जब उन्होंने सीटों के बंटवारे के लिए झामुमो और कांग्रेस से बातचीत की, तो दोनों दलों ने उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया। पहले झामुमो ने कहा कि सपा को कांग्रेस के कोटे से सीटें मिलेंगी, लेकिन जब उन्होंने कांग्रेस से बात की, तो वहां से भी कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। गोंड ने कहा, “कांग्रेस को राजद को सीटें देनी पड़ रही हैं, जिससे सपा को कोई सीट नहीं मिल रही।”

प्रत्याशियों की घोषणा

सपा ने झारखंड में पहले चरण के लिए 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है, जिनमें गढ़वा, बरही, मनिका, हुसैनाबाद, भनवाथपुर, छतरपुर, विश्रामपुर, जमशेदपुर, बरकट्ठा, बड़कागांव और कांके शामिल हैं। इसके अलावा, दूसरे चरण की 10 सीटों पर भी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है, जिनमें पाकुड़, महेशपुर, जरमुंडी, राजमहल, बोरयो, सारठ, जमुआ, निरसा, टुंडी और बाघमारा शामिल हैं।

झारखंड में सपा की रणनीति

गोंड ने भरोसा जताया कि पार्टी राज्य की पांच सीटों पर बहुत मजबूती से चुनाव लड़ेगी और उन्हें इस बार झारखंड में सफलता मिलेगी। सपा ने महाराष्ट्र में भी 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जिसमें मानखुर्द शिवाजी नगर, भिवंडी पूर्व, मालेगांव मध्य, धुले शहर, भिवंडी पश्चिम, तुलजापुर, परांडा, औरंगाबाद पूर्व और भायखला शामिल हैं। वहां भी सपा ने गठबंधन के तहत 12 सीटों की मांग की थी, लेकिन बात न बनने पर उन्होंने अपने उम्मीदवार खड़े किए।

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