यूपी: स्कूलों में होगा विशेष कार्यशालाओं का आयोजन
आजकल की लाइफ में बच्चों को संस्कार देना उनके परिवार वालों के लिए एक बड़ा टास्क बना हुआ है। क्योंकि आजकल की पीढ़ी संस्कारों की जगह अगर अहमियत दे रही है तो वो है MODERNIZATION पर। भापदौड़ भरी जिंदगी में हम किसी से पीछे ना रह जाए इसी होड़ में आज कल हर एक व्यक्ति भाग रहा है।
और इसी होड़ के कारण हम हमारे पौराणिक सिद्धांतों की पालना करने से चूक जाते है और यही चूक संस्कारों की कमी का सबसे बड़ा कारण है। और दूसरा कारण है अपने बच्चों की परवरिश का तरीका। क्यों लोग अपनी परवरिश में संस्कारों के महत्व को शामिल नहीं करते।
अब इसी कमी को देखते हुए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे है कि आने वाले पीढ़ी हमारे ग्रंथों, वैदिक सभ्यता का ज्ञान प्राप्त करें और इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश के संस्कृति विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। और वो कदम है कि अब परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी गर्मी की छुट्टियों में रामायण एवं वेदों के बारे में जानेंगे। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान (संस्कृति विभाग उप्र) अयोध्या द्वारा ग्रीष्मकालीन रामायण व वेद अभिरुचि कार्यशाला का आयोजन कराया जाएगा।
आपको बता दें कि 20 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू होने जा रही हैं। इन छुट्टियों में पांच से 10 दिन कार्यशाला करवाई जाएगी। जिसमें छुट्टियों में बच्चों को रामायण एवं वेदों के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम करवाए जाएंगे। इसमें रामलीला कार्यशाला, रामचरित मानस गान एवं वाचन कार्यशाला, रामायण, मुख सज्जा, एवं हैंडप्राब्स, मुखौटा कार्यशाला, वेदगान एवं वेद सामान्य ज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
वही कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को श्रीराम-लक्ष्मण, सीता समेत अन्य की वेशभूषा धारण करने के साथ मंचन भी करेंगे। संस्कृति विभाग निदेशक की ओर से कार्यक्रम को लेकर तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विभाग को स्थान एवं समन्वयक की जानकारी देनी होगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव का कहना है कि दिशा-निर्देशानुसार कार्यक्रम को लेकर तैयारी करवाई जाएगी।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के बाद सीडीओ की अध्यक्षता में विकास भवन में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई थी। सीडीओ अभिनव गोपाल ने बताया कि बैठक में पता चला कि गाजियाबाद से दूसरे जिलों में स्थानांतरण के लिए 23 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया है।
इन आवेदनों का सत्यापन खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाएगा और अग्रिम कार्यवाही के लिए आवेदन को बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास भेजा जाएगा। जो पात्र होंगे, उनका स्थानांतरण किया जाएगा।